बिहार में कर्ज-जमा अनुपात में गिरावट | बीएस संवाददाता / पटना August 20, 2014 | | | | |
बिहार में साख-जमा या कर्ज- जमा अनुपात (सीडी रेशियो) में इजाफे पर ब्रेक लग गया है। राज्य में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंकों ने राज्य में कुल जमा के अनुपात में महज 37 फीसदी कर्ज दिया है। राज्य सरकार के मुताबिक यह गिरावट चुनावों की वजह से देखने को मिली है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में राज्य का सीडी रेशियो महज 37 फीसदी रहा। पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में राज्य का सीडी रेशियो करीब 38 फीसदी के स्तर पर था। अगर इसमें नाबार्ड के आरआईडीएफ के कर्ज को भी जोड़ दें, तो राज्य में बैंकों ने कुल मिलाकर 77,145 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में मुहैया कराए हैं। वहीं, राज्य में बैंकों के पास 1.80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जमा है। इस हिसाब से राज्य का सीडी रेश्यो करीब 42 फीसदी के आस-पास बैठता है।
राज्य के वित्त मंत्री विजेंद्र यादव ने इस मौके पर बैंकों को राज्य में कर्ज के प्रवाह को बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, 'बैंकों को अपनी जिम्मेदारी में इजाफा करना चाहिए। बैंकों को हर हालत में लक्ष्य को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए बैंकों को प्रक्षेत्र दर प्रक्षेत्र अपने उपलब्धियों में इजाफा करने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, बैंकों को राज्य में कर्ज बांटने की रफ्तार में भी इजाफा करना चाहिए।'
मंत्री के मुताबिक आम चुनावों की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कर्ज की रफ्तार सुस्त पड़ी। इस वजह से राज्य का सीडी रेशियो कम हुआ है। उन्होंने कहा, 'दरअसल, इस बार सीडी रेश्यो में गिरावट की अहम वजह आम चुनाव रहे हैं। इस बार चुनाव काफी लंबा चला, जिस वजह से व्यापारिक गतिविधियों पर असर हुआ। हमें पूरा भरोसा है कि अब बैंक फिर से कर्ज बांटने की रफ्तार में इजाफा करेंगे, जिससे राज्य में सीडी रेश्यो में इजाफा होगा।' चालू वित्त वर्ष में बैंकों ने राज्य में करीब 74,000 करोड़ रुपये का कर्ज बांटने का फैसला लिया है। इसमें से अब तक बैंकों ने करीब 20 फीसदी कर्ज बांटने में कामयाबी भी हासिल की है।
सीडी रेशियो के साथ-साथ बैंकों ने राज्य में वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को हासिल करने में भी काफी सुस्ती दिखाई है। एसएलबीसी के आंकड़ों के मुताबिक अब तक राज्य के आधे से ज्यादा पंचायतों में बैंकिंग सुविधाएं नहीं मुहैया हो पाई है। राज्य सरकार ने बैंकों ने इस बारे में तुरंत सुधार करने को कहा है। साथ ही, बैंक राज्य में शाखाएं सुस्ती दिखला रही हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को 31 मार्च तक राज्य में करीब 3,000 गांवों में शाखाएं खोलने के लिए कहा था, लेकिन 30 जून तक बैंकों ने महज 1,694 गांवों में ही शाखाएं खोली हैं।
|