मप्र में एशिया का सबसे बड़ा दलहन शोध केंद्र | शशिकांत त्रिवेदी / भोपाल August 12, 2014 | | | | |
इंटरनैशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च इन ड्राइ एरिया (आईसीएआरडीए) जल्द ही मध्य प्रदेश में एशिया का सबसे बड़ा दलहन एवं फसल शोध एवं तकनीक प्रसार केंद्र स्थापित करेगा। मध्य प्रदेश दलहन उत्पादन में अग्रणी है। एक वरिष्ठï सरकारी अधिकारी के अनुसार आईसीएआरडीए ने चीन के मुकाबले भारत में शोध केंद्र स्थापित करने को तवज्जो दी है। अधिकारी ने कहा, 'राज्य सरकार ने शोध केंद्र के लिए 71 हेक्टेयर जमीन मुहैया कराने की बात कही है। यह स्थान सीहोर जिले के अम्लाहा गांव में है।'
आईसीएआरडीए लेबनान के महानिदेशक मोहम्मद सोहू ने इस दिशा में प्रगति के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। मध्य प्रदेश में औसतन 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन की कुछ अच्छी किस्मों का उत्पादन होता है। सबसे अधिक उत्पादन चना का होता है। अधिकारी ने कहा, 'दलहन की कई किस्मों का राज्य से सीधे निर्यात हो जाता है। दलहन उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय संस्था जरूरी है। दलहन की गुणवत्ता सुधारने में शोध केंद्र मत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इससे राज्य के किसानों को भी खासी मदद मिलेगी। इसके साथ ही राज्य को शुष्क खेती और तकनीकी प्रसार में नए शोध करने में मदद मिलेगी।'
इस साल राज्य में कृषि विकास दर 24.99 प्रतिशत रही है। प्रतिकूल मौसम और विभिन्न तरह की बाधाओं के बावजूद राज्य ने गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। अधिकारी ने कहा कि आईसीएआरडीए ने मध्य प्रदेश में दलहन उत्पादन बढ़ाने में साझेदारी करने में रुचि दिखाई है। आईसीएआरडीए लेबनान का एक गैर-लाभकारी संस्थान है। अम्लाहा सीहोर में एग्रीकल्चर कॉलेज के समीप है। सीहोर प्रोटीन की अधिक मात्रा वाली गेहूं की शरबती नस्ल के उत्पादन के लिए भी मशहूर है। यहां से विभिन्न देशों को इसका निर्यात होता है।
|