टीआरपी से युद्घ | उर्वी मलवाणिया / मुंबई July 25, 2014 | | | | |
भारतीय टेलीविजन का अब तक का सबसे महंगा धारावाहिक दर्शकों को लुभा नहीं पा रहा है। सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन (एसईटी) की सीरीज 'युद्ध' की लागत प्रति एपिसोड 3 करोड़ रुपये है। इसमें बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अभिताभ बच्चन भी हैं और छोटे पर्दे पर वह पहली बार अपने अभिनय का जौहर दिखा रहे हैं। इस धारावाहिक के पहले एपिसोड को 15 लाख लोगों ने देखा। यह शो मल्टी स्क्रीन मीडिया (एमएसएम) के प्रमुख मनोरंजन चैनल सोनी पर 14 जुलाई को लॉन्च हुआ। एक घंटे के इस शो का प्रसारण सोमवार से गुरुवार तक रात 10.30 बजे होना है। यह शो पांच हफ्ते तक चलेगा। इस धारावाहिक की सह निर्माता एंडेमॉल इंडिया और सरस्वती प्रोडक्शंस (जिन्होंने 90 के दशक में 'देख भाई देख' जैसा हिट धारावाहिक बनाया था) हैं। सोनी के धारावाहिक 'बड़े अच्छे लगते हैं' की जगह 'युद्ध' का प्रसारण किया गया जो टेलीविजन पर सबसे ज्यादा रेटिंग वाला शो था।
दूसरे धारावाहिकों के मुकाबले यह केवल 20 घंटे का शो है। हालांकि इस शो के निर्माताओं ने इस बात को खारिज नहीं किया है कि इसका दूसरा सीजन नहीं शुरू किया जाएगा। लेकिन पहले सीजन के प्रदर्शन के आधार पर ही दूसरे सीजन की शुरुआत होगी। पिछले साल वायाकॉम 18 के मनोरंजन चैनल ने भी अमेरिकन थ्रिलर की सीरीज के साथ एक प्रयोग किया था। उस सीरीज के नाम में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इस शो के प्रीमियर एपिसोड के दर्शकों की तादाद 34 लाख थी। आखिरकार इस सीजन के दर्शकों की तादाद 22 लाख से 25 लाख के बीच में रही। वहीं युद्ध धारावाहिक के पहले चार एपिसोड में दर्शकों की औसत तादाद 11 लाख रही। एमएसएम के अध्यक्ष रोहित गुप्ता का कहना है, 'जितनी उम्मीद थी उस लिहाज से युद्ध धारावाहिक की शुरुआत कमजोर रही। लेकिन हमें इस बात का भरोसा है कि इस शो के दर्शकों की तादाद बढ़ेगी। अभी तो महज चार एपिसोड का ही प्रसारण हुआ है ऐसे में इसके रुझान के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।'
हालांकि इस शो की रेटिंग युद्ध के व्यावसायिक पहलुओं पर असर नहीं डालने वाली है। गुप्ता का कहना है कि इस चैनल ने इस शो के लिए 90-95 फीसदी इंवेंट्री पहले ही बेच दी थी। इस शो के लिए विज्ञापन दरें 3 लाख रुपये प्रति 10 सेकंड स्पॉट हैं जो व्यावहारिक तौर पर सामान्य मनोरंजन चैनलों के टॉप शो के 1.5 लाख रुपये प्रति 10 सेकंड के स्पॉट के लिहाज से दोगुना है। विज्ञापन के लिए प्रीमियम स्पॉट दर वसूलने के अलावा एमएसएम ने कई प्रायोजकों का भी सहारा लिया है। मुख्य प्रायोजन से होने वाली कमाई भी 12-14 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसमें मारुति, रुचि सोया और डाबर (4-5 करोड़ रुपये) जैसे सह प्रायोजक के अलावा प्रस्तोता प्रायोजक कैडबरी (6-7 करोड़ रुपये), 'पावर्ड बाई' प्रायोजक ओएलएक्स (6-7 करोड़) हैं।
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