लगातार दूसरी तिमाही में नुकसान झेल रही सिटीग्रुप इंक ने एक बार फिर अपने कर्मचारियों पर छंटनी का चाबुक चला दिया है।
कंपनी ने फैसला किया है कि ट्रेडिंग और इंवेस्टमेंट -बैंकिग से जुड़ी 2,000 नौकरियों में कटौती की जाएगी।सबप्राइम मॉर्गेज संकट के चलते घाटा झेल रही सिटी ग्रुप इंक ने जनवरी में ही करीब 4,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी। हालांकि ग्रुप ने इस बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है लेकिन एक जानकार के मुताबिक यह कंपनी के प्रतिभूति विभाग के कुल कर्मचारियों का 10 प्रतिशत हिस्सा है। यह छंटनी मार्च के अंत तक की जाएगी।
गौरतलब है कि अमेरिका में मॉर्गेज परिसंपत्तियों की कीमत में आई जबरदस्त गिरावट और आवासीय ऋण बाजार में मंदी के चलते पिछले सात महीनों में कई अमेरिकी कंपनियों ने 30,000 से ज्यादा क र्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इस खबर से कर्मचारियों के चेहरों की रोनक गायब है। मंदी के इस दौर में सिटी ग्रुप का बाजार मूल्य भी गिरकर आधा रह गया है।
हालत यहां तक आ पहुंची कि कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चार्ल्स प्रिंस को अपना पद छोड़ना पड़ा और उनकी जगह लेने वाले विक्रम पंडित को बाहरी निवेशकों से 30 अरब डॉलर जुटाने पड़े।बॉयडन ग्लोबल एक्जीक्यूटिव सर्च के प्रबंध निदेशक जिएन बै्रंथोवर क हते हैं कि वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनियों के सिर पर तलवार लटक रही है।
सिटी ग्रुप में अगले साल भी छंटनी का दौर जारी रहेगा। कंपनी को चौथी तिमाही में लगभग 10 अरब डॉलर का घाटा झेलना पडा है और विशेषज्ञों की राय है कि यह घाटा आने वाले समय में भी जारी रहेगा। गौरतलब है कि 196 वर्षों के इतिहास में कंपनी को यह सबसे बड़ा नुकसान है।