सीबीआई ने दी दिल्ली मेट्रो रिश्वत घोटाले में ब्रिटेन को जानकारी | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली February 26, 2014 | | | | |
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली मेट्रो निर्माण परियोजना में कथित रूप से रिश्वतखोरी में शामिल दो भारतीयों के बारे में ब्रिटेन के गंभीर धोखाधड़ी कार्यालय (एसएफओ) की ओर से मांगी गई जानकारी के बारे में जवाब भेज दिया है। इस मामले में सीबीआई जल्द ही अपनी ओर से अलग से जांच शुरू कर सकती है। एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उससे दो निजी लोगों के बारे में 'बहुत निश्चित जानकारी' मांगी गई थी और ब्रिटिश एजेंसी को वह जानकारी दे दी गई है।
धोखाधड़ी कार्यालय ने आरोप लगाया है कि फ्रेंच इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी एल्सटम ने दिल्ली मेट्रो का ठेका पाने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को बिचौलियों के जरिये करीब 3 मिलियन पाउंड (30 करोड़ रुपये) रिश्वत दी थी। फ्रेंच कंपनी को दिल्ली मेट्रो की पहली दो लाइन के सिगनल व्यवस्था, रेल नियंत्रण और संचार व्यवस्था का ठेका मिला था। कंपनी ने कथित रूप से हॉन्गकॉन्ग की फर्म को दिल्ली मेट्रो के लिए सलाहकार भी नियुक्त किया था, जबकि इस तरह की कोई सेवा मुहैया नहीं कराई गई थी। एसएफओ इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या रिश्वत की राशि देने में सलाहकार कंपनी का भी इस्तेमाल किया गया था।
इस मामले में जल्द ही सीबीआई जांच शुरू हो सकती है, क्योंकि कथित रूप से सरकारी अधिकारियों ने रिश्वत ली थी। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, 'हम इस मामले में सरकार की ओर से कुछ निर्देश का इंतजार करेंगे। सीबीआई स्वत: कोई जांच नहीं शुरू कर सकती। इस मामले में ब्रिटेन में जांच चल रही है और हमने सिर्फ उनकी ओर से मांगी गई जानकारी मुहैया कराई है।' बहरहाल इस मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) एजेंसी को निर्देश दे सकता है, जिसे यूके एसएफओ की ओर से पत्र मिला था।
बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में एल्सटम ट्रांसपोर्ट के अध्यक्ष हेनरी पाउपार्ट लाफार्ज ने कहा, 'अगर कोई जांच होती है, जो होनी चाहिए। एल्सटम किसी तरह की जांच में पूरी तरह सहयोग करेगी। भ्रष्टाचार के आरोपों में स्थिति हमेशा भिन्न होती है, लेकिन वैश्विक रूप से नैतिकता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। एल्सटम इसके लिए प्रतिबद्ध है।' उधर डीएमआरसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें इस मामले में अब तक कोई सूचना नहीं मिली है और बगैर किसी विस्तृत जानकारी के इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती।
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