निजी कंपनियों के साथ है आप | आर्थिक एजेंडे में अपना रुख साफ करने के प्रयास में आम आदमी पार्टी | | सोमेश झा और अर्चिस मोहन / नई दिल्ली February 21, 2014 | | | | |
पहले दिल्ली की बिजली कंपनियों और फिर मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज पर धावा बोलकर अपने ऊपर उद्योग विरोधी होने का ठप्पा लगवा चुकी आम आदमी पार्टी (आप) अब यह दिखाने की हरमुमकिन कोशिश कर रही है कि वह उद्योग के खिलाफ नहीं है। पार्टी ने अपना आर्थिक एजेंडा पेश करते हुए आज कहा कि वह निजी कंपनियों को बढ़ावा देने के पक्ष में है। हालांकि पार्टी ने एजेंडा में न तो कोई ठोस नीति पेश की और न ही अपने एजेंडा को अमली जामा पहनाने के उपाय बताए। पार्टी ने कहा कि वह दक्षिणपंथ या वामपंथ के साथ नहीं है, लेकिन देशहित में किसी के भी साथ जा सकती है। उसने कर ढांचे को सरल और भविष्योन्मुखी बनाने की बात कही और शिक्षा तथा स्वास्थ्य में निजी निवेश की वकालत की। अलबत्ता उसने इसके लिए अपनी नीतियों का जिक्र कहीं भी नहीं किया। उसने गरीबों को सरकार पर निर्भर बनाने वाली योजनाओं का विरोध भी किया और उन्हें सशक्त बनाए जाने पर जोर दिया।
विकेंद्रीकरण के अपने नारे को आप ने यहां भी नहीं छोड़ा और आर्थिक दृष्टिïकोण के नाम पर बेहतर विकेंद्रीकृत प्रशासन, पारदर्शिता, जवाबदेही और समानता जैसे मसले गिना दिए। असल में पार्टी खुद को पूंजीवाद के खिलाफ दिखाना चाहती है लेकिन आर्थिक उदारीकरण के विरोध में खड़ी नहीं होना चाहती। उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल सोमवार को दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ और मुख्य प्रवक्ता योगेंद्र यादव कल मुंबई में यही कोशिश करते दिखे।
पार्टी के मुख्य रणनीतिकार प्रो. अजित झा का कहना है कि लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार चुनते वक्त भी पार्टी ने यह जताने की कोशिश की है कि वह किसी खास विचारधारा के करीब नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद देश के विकास के लिए विभिन्न पृष्ठïभूमि वाले लोगों को साझा मंच देना है।Ó आप की पहली प्रत्याशी सूची में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और पूर्व बैंकर मीरा सान्याल के नाम हैं। दूसरी सूची में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री और महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी हो सकते हैं। शास्त्री नामी कंपनी ऐपल में ऊंचे ओहदे पर रह चुके हैं। दिलचस्प है कि पाटकर महाराष्टï्र में जिस एनरॉन बिजली परियोजना के खिलाफ आंदोलन कर रही थीं, उस परियोजना को कर्ज देने वाले बैंक में सान्याल काम कर रही थीं। बहरहाल पार्टी ने अपने आर्थिक एजेंडे में रोजगार के अवसर बढ़ाने और 8 साल के दौरान प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने की बात कही है। इसके लिए पार्टी ईमानदार निजी उद्यमों को बढ़ावा देने और महंगाई को 3 से 6 फीसदी के दायरे में रखने पर जोर देगी।
पार्टी के मुताबिक अगले 8 साल में कर को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद के 11 से 18 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसी तरह पार्टी सार्वजनिक-निजी साझेदारी के खिलाफ भी नहीं है। पार्टी बीमा कंपनियों, पेंशन और भविष्य निधि कोषों को वित्तीय मदद देने की भी पक्षधर है। झा ने कहा कि पार्टी खुले विचारों वाले समाधान वाली विचारधारा का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि पार्टी को जमनालाल बजाज जैसे राष्टï्रवादी लोगों की तलाश है। उनके पोते राजीव बजाज ने पिछले दिनों ही केजरीवाल की तारीफ की है। हालांकि पार्टी के आर्थिक एजेंडा में खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का जिक्र नहीं है।
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