निजी बैंकों का बढ़ रहा एनपीए | सोमाश्रय चक्रवर्ती / कोलकाता February 05, 2014 | | | | |
निजी क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियां तेजी से बढ़ रही हैं जबकि उधारी के जोखिम प्रबंधन के मामले में सरकारी बैंकों के मुकाबले इनका प्रदर्शन बेहतर है। ज्यादातर निजी बैंक सतर्कता के साथ उधार देते हैं, बावजूद इसके पिछले कुछ महीनों में इनकी संपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है और इन्हें ज्यादा प्रावधान करना पड़ा है। इस वजह से इनके मुनाफे पर असर पड़ा है।
निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक के सकल एनपीए में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान 1230 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जो मुख्य रूप से एसएमई व छोटे आकार की कंपनियों के कर्ज पोर्टफोलियो में गड़बड़ी की वजह से देखने को मिली है। पिछली दो तिमाहियों में बैंक का सकल एनपीए क्रमश: 1116 करोड़ रुपये व 1145 करोड़ रुपये रहा था। दिसंबर 2013 के आखिर में शुद्ध बैड लोन रेश्यो 81 आधार अंक था, जबकि एक तिमाही पहले यह 73 आधार अंक रहा था।
बैंक ने आगामी तिमाही में एनपीए में इजाफे को लेकर निवेशकों को सतर्क भी किया है। नतीजे के ऐलान के बाद बैंक की प्रबंध निदेशक व सीईओ चंदा कोछड़ ने कहा था, उद्योग को एनपीए में इजाफा और पुनर्गठित कर्ज पोर्टफोलियो में इजाफा देखने को मिला है। मुझे लगता है कि हमें इसका पूरा असर देखने को नहीं मिला है। हमें अगली दो तिमाहियों में इसमें और इजाफे की संभावना नजर आ रही है।
उधर, ऐक्सिस बैंक के सकल एनपीए में दिसंबर 2013 के आखिर में 1.25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो जून 2006 के बाद का सर्वोच्च स्तर है। अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में बैंक ने 670 करोड़ रुपये के कर्ज का पुनर्गठन किया और मौजूदा तिमाही में 1000 करोड़ रुपये के कर्ज का पुनर्गठन हो सकता है। इंडसइंड बैंक ने वाणिज्यिक वाहन ऋण के एनपीए में बढ़ोतरी तिमाही के दौरान दर्ज की है, वहीं यस बैंक इस अवधि में संपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट से दो-चार हुआ है।
हालांकि डीसीबी बैंक के सकल एनपीए अनुपात में दिसंबर तिमाही के दौरान एक साल पहले की समान अïवधि के मुकाबले 103 आधार अंकों का सुधार देखने को मिला है। लेकिन बैंक के अग्रणी प्रबंधकों ने चेतावनी दी है कि संपत्ति की गुणवत्ता पर दबाव अभी पूरी तरह समाप्त नहींं हुआ है। बैंक के सीएमडी मुरली एम नटराजन ने कहा, मैं दावा नहीं कर रहा हूं कि एनपीए के मामले में सबकुछ ठीक है क्योंकि बाजार में चुनौतीपूर्ण माहौल बना हुआ है। हम सतर्कत बरत रहे हैं। एसएमई व कंपनियों में हमारा कुछ कर्ज ऐसा है जहां पिछले 18 महीने से दबाव दिख रहा है।
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