डायरेक्ट-टू-होम योजना से लाभार्थियों तक पहुंचेगा धन | भाषा / नई दिल्ली February 04, 2014 | | | | |
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) परियोजना के बाद सरकार अब डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) योजना शुरू करने का विचार कर रही है। जिससे देश भर में लाभार्थियों तक पेंशन, पारिश्रमिक एवं अन्य लाभ सीधे पहुंच सके और लाभार्थियों तक लाभ पहुंचने के क्रम में किसी तरह की अनियमितता न हो पाए। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि आंध्र प्रदेश में यह योजना शुरू की गई है और ऐसा कार्यक्रम लाने की जरूरत पर इसलिए विचार किया गया क्योंकि सरकार देख रही थी कि कल्याणकारी योजनाओं की धनराशि सही लाभार्थियों तक पहुंचने की बजाय 'लीक' हो रही है।
अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रमेश ने यहां कहा, 'आज हमारी आपूर्ति व्यवस्था में लीकेज ज्यादा है और कवरेज कम है। चाहे यह खाद्य सुरक्षा हो, स्वास्थ्य हो, पेंशन हो या महात्मा गांधी नरेगा हो। आप कोई भी कार्यक्रम ले लीजिए। हमारे पास धन बहुत है पर कितना धन लाभार्थियों तक पहुंचता है, इस पर एक बड़ा सवालिया निशान है।'
रमेश ने कहा, 'सवाल धन का नहीं है। यह सवाल आपूर्ति की व्यवस्था को बदलने का है और पिछले एक साल में हमने जो शुरू किया है वह कल्याणकारी आपूर्ति व्यवस्था में सुधार है जिसमें बैंक और डाकघर भी शामिल हैं।' केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'आज मुझे यह कहते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि आंध्र प्रदेश और झारखंड में डाकघरों की मदद से हम पेंशन, मातृत्व लाभ वृति, परिवार को पारिश्रमिक देने का काम घर की चौखट पर जाकर करने जा रहे हैं।Ó रमेश ने कहा, 'अगले करीब दो साल में लोगों को दिए जाने वाले सभी पारिश्रमिक, सभी पेंशन, सभी मातृत्व लाभ, सभी सब्सिडी योजनाएं बैंक खातों या डाकघरों में नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सीधे परिवार तक पहुंचाए जाएंगे।'
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