अब एसटीपीआई होगा एक नई भूमिका में | बीएस संवाददाता / पुणे January 30, 2014 | | | | |
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) में भारतीय आईटी कंपनियों के पंजीकरण की संख्या कम होने के कारण अब इसे नए सिरे से शुरू करने और अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए लघु एवं मध्यम आकार की कंपनियों का सहारा लिया जा जा रहा है। जिससे बेहतर शुरुआत की जा सके।
एसटीपीआई (जहां कि 10,000 से अधिक भारतीय इकाई हैं जिसमें से लगभग 3000 विशेष तौर पर निर्यात आधारित हैं) को विकसित करने के लए पहले ही करीब 10 लाख वर्गफीट जगह दी गई है, यहां अगले एक से डेढ़ साल तक लीज के लिए स्थान उपलब्ध है।
ज्यातर इकाइयां भोपाल, इंदौर, मैसूर जैसे छोट व मझोले शहरों से हैं। एसटीपीआई के महानिदेशक ओमकार राय का कहना है, ' वित्त वर्ष 2014 में कम से कम 10 नए केंद्र आने वाले हैं।
कंपनियों द्वारा सेज की ओर रुख करने से पंजीकरण में कमी आई है, लेकिन सकारात्मक खबर यह है कि अभी पंजीकरण हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2013 में एसटीपीआई से पूरे भारत में 2,51000 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है, जो 7 फीसदी वृद्धि दर को प्रदर्शित करता है।'
वित्त वर्ष 2012 में एसटीपीआई में 39 कंपनियों का पंजीकरण हुआ था, जो वित्त वर्ष 2013 में घटकर 20-22 पर पहुंच गया। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2012 के बाद कर छूट हटाने के बाद से कम से कम 1000 निर्यात इकाइयों ने अपना पंजीकरण रद्द करा दिया है।
एसटीपीआई, निर्यात आधारित इकाईयों को मुनाफे पर आयकर अधिनियम की धारा 10ए व 10बी के तहत कर छूट प्रदान करता था, लेकिन आईटी और इलेक्ट्रानिक्स पर राष्टï्रीय नीति के अनुसार एसटीपीआई की नई भूमिका तय की गई है, जहां वे उद्यमियों को पूरी प्रक्रिया में मदद कर सकेंगे।
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