अमेरिका के प्रमुख निवेश बैंक लीमन ब्रदर्स की मार भारत तक न पहुंचे, इसके लिए चार बैंक ढाल बनकर खड़े हो गए हैं।
लीमन के दिवालिया घोषित होने से भारत समेत दुनियाभर के बाजारों में फैले वित्तीय संकट का भारतीय बाजार पर कम से कम प्रभाव पड़े, इसके लिए चार बैंक लीमन ब्रदर्स के भारतीय कारोबार को खरीदने की तैयारी में हैं।
इनमें भारतीय स्टेट बैंक, फ्रांसीसी बैंक बीएनपी परिबा, अमेरिका के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और बार्कलेज शामिल हैं। लीमन के उत्तरी अमेरिका के कारोबार को खरीदने के लिए पत्र सौंपा जा चुका है, जबकि ऑस्ट्रेलियन और एशियाई कारोबार को भी बैंकों की ओर से खरीदे जाने की योजना है।
इस बाबत अगले एक हफ्ते के अंदर सौदा पूरा होने की संभावना है।सूत्रों के मुताबिक, भारतीय शेयर और परिसंपत्ति बाजारों में लीमन ब्रदर्स के संकट के खतरे को भांपते हुए इस मसले को निपटने के लिए रिजर्व बैंक पिछले हफ्ते विभिन्न संस्थाओं से विचार-विमर्श कर चुके हैं।
बैठक में अमेरिकी संकट से भारतीय बाजारों पर संभावित खतरे की चर्चा की गई। उसके बाद चार बड़े बैंकों ने लीमन ब्रदर्स के भारतीय कारोबार को खरीदने में रुचि दिखाई। यही नहीं, इन बैंकों की ओर से लीमन की परिसंपत्तियों का सही मूल्यांकन भी किया गया।
लीमन के भारतीय कारोबार खरीदे जाने के लिए हो रही बातचीत से जुड़े सूत्रों ने अनुमान जताया कि भारत में लीमन ब्रदर्स का कारोबार करीब 3,300 करोड़ रुपये का है। इनमें से करीब 700-800 करोड़ रुपये सुनियोजित परियोजनाओं में निवेश किया गया है। सूत्रों का कहना है कि लीमन ब्रदर्स की ओर से पिछले एक साल के दौरान सुनियोजित निवेश कारोबार पर पूरा ध्यान दिया गया।
इसमें सौदे के जोखिम की जिम्मेदारी सह-गारंटर की भी होती है। उनके मुताबिक, ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय बैंक इसी मॉडल पर काम करते हैं और निवेश के लिए अन्य संस्थाओं को सह-गारंटर बनाते हैं। ऐसा करने से निवेश का जोखिम कम रहता है।
लीमन ब्रदर्र्स के भारतीय कारोबार को खरीदे जाने की बाबत सूत्रों ने बताया कि रिजर्व बैंक इस सौदे में सीधे तौर पर नहीं जुड़ा है, लेकिन इस पूरी कवायद में वह मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, ताकि परिसंपत्तियों का सही मूल्यांकन हो सके, साथ ही उसका हस्तांतरण भी उचित तरीके हो पूरा हो सके। सूत्रों का कहना है कि फ्रांसीसी बैंक बीएनपी परिबा और बार्कलेज इस सौदे को अपने तरीके से अंजाम देने में लगे हुए हैं।
दरअसल, इनकी नजर लीमन ब्रदर्स की निवेश बैंकिग इकाई पर लगी हुई है। इसका मकसद यह है कि इन बैंकों को लीमन के भारतीय कारोबार से पहले से स्थापित निवेश कारोबार मिल सके।