मंत्रालय के प्रस्ताव को सराहा | बीएस संवाददाता / मुंबई November 19, 2013 | | | | |
तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक कैबिनेट नोट जारी किया है जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को हर तिमाही 13.5 करोड़ डॉलर बैंक गारंटी जमा कराने के लिए कहने का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि मंत्रालय के इस प्रस्ताव से प्राकृतिक गैस कीमतों में वृद्धि पर राजनीतिक बहस अंतत: खत्म हो सकती है।
गोल्डमैन सैक्स ने एक नोट में कहा है, 'हमारा मानना है कि यदि इस पर (13.5 करोड़ डॉलर की बैंक गारंटी ) अमल किया गया तो आरआईएल के लिए यह एक सकारात्मक संकेत होगा और कुल मिलाकर देश के लिए भारतीय प्राकृतिक गैस उद्योग से लंबी अवधि तक सस्ती ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।Ó हालांकि बैंक गारंटी को उस परिस्थिति में जब्त की जाएगी जब यह साबित हो जाएगा कि आरआईएल डी6 ब्लॉक से जानबूझ कर पर्याप्त प्राकृतिक गैस का उत्पादन नहीं कर पा रही है।
गोल्डमैन सैक्स ने कहा है, 'कुल मिलाकर इससे डी6 ब्लॉक से उत्पादित गैस की कीमत बढ़ाने पर राजनैतिक बहस खत्म हो सकती है। इससे निकट भविष्य में आरआईएल के शेयरों पर दबाव भी खत्म हो जाएगा और बाजार की नजर कंपनी की मध्यावधि आय में वृद्धि पर केंद्रित होगी।Ó
एक घरेलू ब्रोकरेज के सहायक उपाध्यक्ष ने कहा, 'सरकार को प्राकृतिक गैस कीमतों में वृद्धि का मामला सुलझाने में करीब 4 महीनों का वक्त लगा। उद्योग के लिए यह जानना अच्छा रहेगा कि गैस की कीमतें किस स्तर पर होंगी।Ó
गोल्डमैन सैक्स ने यह भी कहा कि आरआईएल ने इससे पहले प्रस्ताव दिया था कि सरकार डी6 ब्लॉक की जांच के लिए प्रमुख अंतरराष्टï्रीय परामर्श फर्म को आमंत्रित करे ताकि उत्पादन में तेज गिरावट के भौगोलिक कारणों का पता लगाया जा सके। हालांकि इस प्रस्ताव को हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने खारिज कर दिया था।
सरकार ने इसी साल जून में भारी विरोध के बावजूद प्राकृतिक गैस कीमतों को 4.2 डॉलर एमबीटीयू से बढ़ाकर 8.4 एमबीटीयू करने की मंजूरी दी थी। नई कीमत 1 अप्रैल, 2014 से प्रभावी होगा। गैस कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर कैबिनेट में भी मतभेद दिख रहा था। उधर, इस क्षेत्र के विभिन्न कंपनियों का कहना था कि आरआईएल को लाभ पहुंचाने के लिए गैस कीमतों में इजाफा किया गया है। आरआईएल के केजी डी6 ब्लॉक के डी1 और डी3 कुओं से उत्पादन में गिरावट लगातार जारी है।
इसका खंडन करते हुए अगस्त में आरआईएल के कार्यकारी निदेशक पीएमएस प्रसाद ने यशवंत सिन्हा की अगुआई वाली संसद की स्थायी समिति (वित्त) को लिखे पत्र में कहा था - 70 फीसदी गैस का उत्पादन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां मसलन ओएनजीसी व ऑयल इंडिया करती है। देश में कुल उत्पादन में आरआईएल के केजी डी-6 ब्लॉक से होने वाले उत्पादन का हिस्सा महज 15 फीसदी है।
उन्होंने कहा था कि केजी डी-6 में आरआईएल का हिस्सा सिर्फ 60 फीसदी है और देसी उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 10 फीसदी से कम है। उन्होंने यह भी कहा कि केजी डी-6 से गैस उत्पादन में बढ़ोतरी 2018 से पहले शायद ही हो पाएगी।
आरआईएल ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के लिए सरकार की नीतियों के चलते ऐसा हुआ है। प्रेसिडेंट व मुख्य संचालन अधिकारी (बिजनेस ऑपरेशंस, पेट्रोलियम, एक्सप्लोरेशन व उत्पादन) बी गांगुली ने कहा, सरकार खुद की नीतियों की तरफ वापस जा रही है और पिछले कुछ सालों में कीमत नियंत्रण व नियामकीय बाधाओं के चलते हम 1991 से पहले के काल में वापस जा रहे हैं।
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