आवक सुधरी तो सस्ती होने लगीं सब्जियां | |
बीएस संवाददाता / नई दिल्ली 11 14, 2013 | | | | |
आसमान छूती सब्जियों की कीमतों से अब उपभोक्ताओं को राहत मिलने लगी है। मंडियों में आपूर्ति सुधरने से इनके भाव 20 से 25 फीसदी घट चुके हैं।
खुदरा में भी ज्यादातर सब्जियां सस्ती होने लगी हैं और अगले 10 से 15 दिनों में ये और सस्ती होने की उम्मीद है। बीते माह बारिश से तैयार खड़ी सब्जियों की फसल खराब होने से भाव आसमान पर थे।
हालांकि इसी बारिश से उस समय लगाई जा रही सब्जियों को फायदा हुआ है। उनकी आवक अब धीरे-धीरे मंडियों में होने से भाव भी गिरने शुरू हो गए हैं। इस माह के पहले सप्ताह तक खुदरा में 100 रुपये से ऊपर बिकने वाली ज्यादातर सब्जियां अब घटकर 50-80 रुपये किलो बिक रही हैं।
खुदरा बाजार में 10 दिन पहले 70-100 रुपये बिकने वाला प्याज घटकर 50-60 रुपये , 80-100 रुपये बिकने वाला टमाटर 50-60 रुपये, हरी मटर 100-120 रुपये से घटकर 60-80 रुपये, शिमला मिर्च 80-90 रुपये से घटकर 70-80 रुपये, फूलगोभी भी 10 रुपये सस्ती होकर 50-60 रुपये प्रति किलो बिक रही है।
आजादपुर मंडी के सब्जी कारोबारी सुभाष चुघ कहते हैं कि हरियाणा व दिल्ली के आसपास से स्थानीय सब्जियों की आवक बढऩे से ये 20 से 25 फीसदी सस्ती हो चुकी हैं। आलू, प्याज, टमाटर की नई आवक काफी होने से भाव नरम हो रहे हैं।
चुघ ने बताया कि टमाटर के थोक भाव 40-50 रुपये से घटकर 25-30 रुपये, गोभी 40-50 रुपये से घटकर 25-30 रुपये, मटर 60-80 रुपये से घटकर 40-50 रुपये प्रति किलो बिक रही है।
अखिल भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गधावे ने कहा कि बीते माह बारिश से उस समय तैयार खड़ी सब्जियों को नुकसान हुआ था, लेकिन उस दौरान नई लगाई जा रही सब्जियों को फायदा हुआ है, जिससे अब नई सब्जियों की आवक शुरू होने से भाव गिरने लगेंगे।
सब्जियों ने थोक मुद्रास्फीति 7 फीसदी पर पहुंचाई
सब्जी समेत विभिन्न खाद्य पदार्थों के महंगा होने से थोक मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 7 फीसदी हो गई। चालू वित्त वर्ष में यह थोक मुद्रास्फीति का उच्चतम स्तर है। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में 6.46 फीसदी और पिछले साल अक्टूबर में 7.32 फीसदी थी।
गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति अक्टूबर में 18.19 फीसदी रही। सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 10.1 फीसदी पर पहुंच गई। अक्टूबर में सब्जियों की थोक कीमतें एक साल पहले की तुलना में 78.38 फीसदी ऊंची रही जबकि प्याज 278.21 फीसदी महंगा रहा। अक्तूबर की थोक मुद्रास्फीति में वृद्धि को तकलीफदेह करार देते हुए योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि मुद्रास्फीति में जल्द सुधार होगा क्योंकि यह मौसमी कारणों से है।
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