महंगाई रोकने के लिए फिर बढ़ा निर्यात मूल्य | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली November 04, 2013 | | | | |
तमाम प्रयासों केबावजूद खुदरा मेंं प्याज लगातार महंगा होने के बीच आज सरकार ने फिर न्यूनतम निर्यात मूल्य(एमईपी) बढ़ा दिया। अब एमईपी 250 डॉलर(15,537 रुपये) बढ़कर 1,150 डॉलर (71,472.50 रुपये) प्रति टन हो गया। अगस्त महीने से एमईपी में यह तीसरी बढ़ोतरी है। जानकारों का मानना है कि सरकार यह कदम चुनावी माहौल में निर्यात का हवाला देकर महंगे प्याज के लिए उसकी हो रही आलोचना को देखते हुए उठाया है, वरना दो महीने से ऊंचे एमईपी के कारण निर्यात पहले ही थम गया है। पहले बढ़ाये गए एमईपी पर ही अंतरराष्टï्रीय बाजार में खरीदार नही है, तो ऐसे अब एमईपी बढ़ाने का कोई कारण नही है। फिर भी सरकार लोगों को संदेश देने के लिए कुछ करती दिखना चाहती है।
एक वरिष्ठï अधिकारी के मुताबिक यह बढ़ातरी दक्षिणी राज्योंं से बारिश केकारण आवक में देरी और कारोबारियोंं द्वारा प्याज की जमोखोरी के मद्देनजर की गई है। साथ ही मुख्य प्याज कारोबारी इलाकोंं में छुट्टिïयोंं केचलते सप्लाई में कमी के डर से भी यह निर्णय लिया गया है।
सोमवार को मिजोरम की राजधानी आइजॉल के खुदरा बाजार में 100 रुपये किलो बिकी। इससे पहले 14 अगस्त को एमईपी बढ़ाकर 650 डॉलर(40,397.50 रुपये) और 19 सितंबर को बढ़ाकर 900 डॉलर (55,935 रुपये) प्रति टन किया गया था। अब एमईपी करीब 72 रुपये किलो होने से प्याज का निर्यात संभव नही है। क्योंकि अंतरराष्टï्रीय बाजार में प्याज का भाव इससे करीब आधा चल रहा है।
उधर, एमईपी घटने से अगस्त में निर्यात 29,247 टन और सितंबर में महज 19,218 टन हुआ। ये आंकड़े पिछले अगस्त के 1,56283 टन और सितंबर के 1,50,833 टन से काफी कम है।
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