एकता के प्रयास में एकत्र हुए दल | भाषा / October 30, 2013 | | | | |
लोकसभा चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयासों के बीच वाम पार्टियों सहित जनता दल यूनाइटेड (जदयू), समाजवादी पार्टी (सपा) अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल (बीजद) और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता आज यहां एक सम्मेलन में मिले और फासीवादी तथा सांप्रदायिक शक्तियों से उपजे 'खतरेÓ को परास्त करने के लिए एकजुटता की जरूरत बताई।
जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को परोक्ष निशाना बनाते हुए कहा कि कुछ नेता उनके विचारों और विचारधाराओं का विरोध करने वालों का 'सफायाÓ करने की बात करते हैं। नीतीश ने 'सांप्रदायिकता के विरुद्ध सम्मेलनÓ में कहा कि 'फासीवाद, सांप्रदायिकतावाद और आतंकवादÓ से देश के सामने पेश खतरे को परास्त करने के लिए आज एकत्र हुए 17 दलों को 'अधिकतम संभावित एकताÓ बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा, 'यह सवाल किया जा रहा है कि क्या यह सम्मेलन एक नया मंच बनाने के लिए आयोजित किया गया है। अभी तक तो यह मामला नहीं है। लेकिन हमें सोचना है कि फासीवाद, सांप्रदायिकतावाद और आतंकवाद की शक्तियों को शिकस्त देने के मुद्दे के आधार पर सभी लोकतांत्रिक शक्तियों को अधिकतम संभावित एकता स्थापित करनी चाहिए।Ó नीतीश ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के बाद सांप्रदायिकता के खतरे के विरुद्ध आवाज उठाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
वाम दलों की पहल पर आयोजित इस सम्मेलन को 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले गैर-कांग्रेस और गैर-भाजपा राजनीतिक दलों का एक समूह बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल सपा के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगों को सांप्रदायिक शक्तियों ने भड़काया।
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