सस्ते कर्ज की राह नहीं आसां | नीलाश्री बर्मन / मुंबई October 23, 2013 | | | | |
रुपये में स्थायित्व आने और महंगाई में बढ़ोतरी के मद्देनजर बाजार अगले मंगलवार को होने वाली भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की तिमाही मौद्रिक समीक्षा नीति में मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर में कमी से अल्पकालिक उधारी के सस्ते होने, जबकि महंगाई को थामने के लिए रीपो दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहा है। कोषागार अधिकारियों, अर्थशास्त्रियों और फंड प्रबंधकों के मुताबिक एमएसएफ में 25 आधार अंकों की कटौती और रीपो दर में इतनी ही बढ़ोतरी से दो दरों के बीच अंतर 100 आधार अंक हो सकता है।
मई में एमएसएफ दर में 25 आधार अंक की कटौती की गई थी, लेकिन जुलाई के मध्य में आरबीआई ने डॉलर की तुलना में रुपये में उतार-चढ़ाव पर रोक लगाने के लिए एमएसएफ दर को 8.25 फीसदी से बढ़ाकर 10.25 फीसदी कर दिया था। बीते महीने मौद्रिक नीति की मध्य-तिमाही समीक्षा में आरबीआई ने इस दर में 75 आधार अंकों की कटौती कर दी थी और इस महीने की शुरुआत में दर में 50 आधार अंकों की कटौती कर दी गई थी।
दूसरी तरफ मई में रीपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की गई थी और उसके बाद सितंबर में मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में फिर से 25 आधार अंकों की कमी कर दी गई। फिलहाल रीपो दर 7.50 फीसदी है और एमएसएफ दर 9 फीसदी है, जिससे दोनों के बीच अंतर 150 आधार अंक है। कोटक महिंद्रा बैंक के अध्यक्ष (समूह कोषागार और वैश्विक बाजार) मोहन शिनॉय ने कहा, 'यदि एमएसएफ दर में 25 आधार अंक की कटौती और रीपो दर में 25 आधार अंक की बढ़ोतरी से रीपो दर और एमएसएफ दर के बीच का अंतर फिर से 100 आधार अंक हो जाएगा।Ó
पूर्व में एमएसएफ दर में कटौती से अल्पकालिक दरों को दहाई अंकों से इकाई अंक में नीचे लाने में मदद मिली थी। आईडीबीआई बैंक के मुख्य महाप्रबंधक एवं कोषागार प्रमुख और फिक्स्ड इंकम मनी मार्केट ऐंड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन एन एस वेंकटेश ने कहा, 'एमएसएफ दर में कटौती की जाएगी, जिससे कुल मिलाकर अल्पावधि उधारी लागत में और कमी आएगी।Ó
बाजार का मानना है कि एमएसएफ दर कुछ और समय तक क्रियाशील दर बनी रहेगी। सुंदरम म्युचुअल फंड के प्रमुख द्विजेंद्र श्रीवास्तव ने कहा, 'एमएसएफ दर में 25 आधार अंकों की कमी हो सकती है।Ó
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