कंप्यूटर की दुनिया में लैपटॉप का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। आकार में छोटे, हल्के और सस्ता होता लैपटॉप अब डेस्कटॉप को पीछे छोड़ रहा है।
युवाओं में लैपटॉप के प्रति बढ़ते आकर्षण ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। इसकी प्रमुख वजह है कि लैपटॉप में तमाम जरूरी सॉफ्टवेयर तो होते ही हैं, इसमें फिल्में, विभिन्न प्रकार के गेम्स भी उपलब्ध हैं। साथ ही आप जहां भी जाते हैं, इसे लाना और ले जाना बेहद आसान है।
एक सर्वेक्षण के मुताबिक वर्ष 2008 की अप्रैल-जून की तिमाही में लैपटॉप की मांग तेजी से बढ़ी है और इसकी बिक्री में 51.2 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कंप्यूटर के बाजार में कंपनियों की हिस्सेदारी की बात करें तो वर्ष 2008 की दूसरी तिमाही में लैपटाप और डेस्कटॉप को मिलाकर कुल बाजार में ह्यूलेट पैकर्ड (एचपी) की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा (करीब 18.7 प्रतिशत) है।
इसके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर एचसीएल और डेल आती हैं। आईडीसी इंडिया के एक सर्वे के मुताबिक 2008 की दूसरी तिमाही में डेस्कटॉप की बिक्री में बाजार में 13.9 प्रतिशत भागीदारी के साथ एचपी पहले स्थान पर बनी हुई है और एचसीएल तथा डेल क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
वहीं लैपटॉप की बिक्री में 2008 की दूसरी तिमाही में एचपी ने बाजार में 31.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पहला स्थान हासिल किया है तो डेल ने दूसरा स्थान हासिल किया है, लेनोवो तीसरे स्थान पर है। आईडीसी इंडिया के कंट्री मैनेजर कपिलदेव सिंह ने कहा, 'वर्तमान वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.5 से 8 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसका असर कंप्यूटरों की खरीद पर भी पड़ा है।
पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी कीमतों, बढ़ती महंगाई दर, राजनीतिक अस्थिरता के माहौल और आर्थिक मंदी के चलते लोगों ने कम खरीदारी की।' इसके बावजूद वर्ष 2007 की तुलना में एचपी, एचसीएल और लेनोवो कंपनियों के कंप्यूटरों की बिक्री में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।