गैस उत्पादन में गिरावट की जांच | बीएस संवाददाता / October 04, 2013 | | | | |
पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने आज संकेत दिया कि सरकार कृष्णा गोदावरी बेसिन की केजी डी6 गैस ब्लॉक के उत्पादन में भारी गिरावट का कारण जानने के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ की नियुक्ति कर सकती है। यह अपतटीय परियोजा रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास है।
मोइली ने यहां इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'दुनियाभर में जानेमाने विशेषज्ञ हैं जो इन समस्याओं की जांच कर सकते हैं और सच्चाई का पता लगा सकते हैं। हम किसी भी सच को बाहर आने से रोकना नहीं चाहते।Ó तेल नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज गैस उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध कुओं को खोदने में विफल रही जिससे इस क्षेत्र से उत्पादन में भारी गिरावट आई है। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहयोगी बीपी पीएलसी ने कहा था कि अज्ञात भूगर्भीय कारणों के चलते भंडारण में गिरावट आई है।
मोइली का मंत्रालय केजी डी6 ब्लॉक में उत्पादन घटने के सही कारणों का पता लगाने के लिए अंतरराष्टï्रीय विशेषज्ञों को नियुक्त करने का मन बना रहा है। मोइली ने कहा, 'सत्य तो सत्य है, उसे कोई झुठला नहीं सकता। इसमें कोई उलटफेर भी नहीं कर सकता है।Ó उन्होंने जोर देकर कहा कि वास्तविकता का पता लगाने के प्रति सरकार काफी गंभीर है। आरआईएल इस क्षेत्र में लक्ष्य के अनुसार उत्पादन करने में विफल रही है और इसलिए हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय उस पर 1.786 अरब डॉलर का जुर्माना लगाचा चाहता है। इस मुद्दे पर पेट्रोलियम मंत्रालय का रुख भी काफी सख्त रहा है। इसलिए वह गैस मूल्य में संशोधन करने से काफी समय तक इनकार करता रहा। अनुबंध के तहत अप्रैल 2014 तक इस क्षेत्र से उत्पादित गैस की बिक्री 4.2 डॉलर प्रति एमबीटीयू करने का प्रावधान है।
मोइली ने कहा, 'सवाल यह है कि क्या उस ब्लॉक में गैस उपलब्ध है, और यदि है तो विशेषज्ञों इसकी खोज कर सकते हैं।Ó सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय कानून का सख्ती से पालन करेगा। उन्होंने कहा, 'सरकार उत्पादन साझेदारी अनुबंध (पीएससी) से एक इंच भी हटना नहीं चाहती है।Ó उन्होंने कहा कि किसी एक क्षेत्र के बीमारू होने का मतलब यह नहीं है कि पूरा देश बीमार हो गया।
आरआईएल-बीपी का कहना है कि इस क्षेत्र के शेष 11 कुओं की खुदाई करने के लिए 1.65 अरब डॉलर से अधिक के निवेश की जरूरत होगी। जबकि मौजूदा कुओं से उत्पादन सुचारू करने के लिए करीब 0.5 अरब डॉलर खर्च करने पड़ेंगे। सूत्रों ने कहा कि आरआईएल-बीपी पिछले कई महीनों से स्वतंत्र अंतरराष्टï्रीय विशेषज्ञों को नियुक्त करने की मांग कर रही है। अब सरकार यदि ऐसा करती है तो यह साफ हो जाएगा कि कौन सही है और कौन गलत।
|