त्योहार पर सरकार का सस्ते कर्ज का उपहार | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली October 03, 2013 | | | | |
अगर आप अपनी पुरानी बाइक या फ्रिज बदलकर नई बाइक या नया फ्रिज लेने की योजना बना रहे हैं लेकिन इनका महंगा दाम आपको ऐसा करने से रोक रहा है तो आपके लिए अच्छी खबर है। आपकी त्योहारी उमंग बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अब दोपहिया वाहनों और चुनिंदा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स खरीदने के लिए सस्ता ऋण देंगे। दरअसल त्योहारों के दौरान ऋण की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को चालू वित्त वर्ष के बजट में आवंटित 14,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त रकम का आवंटन करेगा। सरकार के इस कदम का लक्ष्य बाजार में मांग बढ़ाना है, जिससे आर्थिक विकास में तेजी आए, जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.4 फीसदी ही रही। यह आर्थिक विकास दर का चार साल का निम्नतम स्तर है।
यह फैसला वित्त मंत्री पी चिदंबरम और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की बैठक में लिया गया। इस बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम भी मौजूद थे। इस बीच महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के पवन गोयनका ने राजस्व सचिव सुमित बोस से मुलाकात कर स्पोट्र्स यूटिलिटी वाहनों पर कर घटाने और वाहन ऋण पर ब्याज दर कम करने की गुजारिश की। वित्त मंत्री और राजन की बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा, 'सरकार ने सैद्घांतिक तौर पर फैसला किया है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और पूंजी देगी। चालू वित्त वर्ष के बजट में सार्वजनिक बैंकों को 14,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे लेकिन अब इस रकम में खासी
बढ़ोतरी की जाएगी।Ó
बैंकों को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराने से बैंक चुनिंदा क्षेत्रों मसलन दोपहिया वाहनों और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करा सकेंगे। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी। मंत्रालय ने कहा, 'इससे ग्राहकों को राहत मिलेगी खासतौर पर मध्य वर्ग को। इससे लोगों की खरीद क्षमता, रोजगार और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।Ó
हालांकि बैंकों को इसके लिए कितनी पूंजी दी जाएगी इसका खुलासा मंत्रालय ने नहीं किया है। राजकोषीय घाटा बजटीय अनुमान का करीब 75 फीसदी हो चुका है और इसलिए अब यह राहत देने के लिए वित्त मंत्रालय को काफी संभलकर चलना होगा। वित्त मंत्री और राजन ने बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में ऋण की मांग पर चर्चा की। सितंबर 2013 के अंत तक सकल बैंक ऋण की विकास दर सालाना आधार पर 18 फीसदी रही।
वित्त मंत्रालय ने कहा, 'लेकिन कुछ क्षेत्रों में ऋण विकास दर कम रही है क्योंकि इन क्षेत्रों में मांग कम है। बैठक में हुई चर्चा के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी प्रवाह बढ़ाने का सैद्घांतिक फैसला किया गया।Ó
दिलचस्प है कि सितंबर में दोपहिया वाहनों की बिक्री की दर में इजाफा हुआ है। मसलन बाजार की अग्रणी दोपहिया वाहन कंपनी हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड ने इस साल सितंबर में 4,68,670 बाइक बेचीं, जो पिछले साल की समान अवधि में बेची गई 4,04,787 बाइकों से 16 फीसदी ज्यादा है।
हालांकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स उत्पादन में चालू वित्त वर्ष के दौरान गिरावट का दौर देखा जा रहा है। जुलाई में सालाना आधार पर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक की विकास दर 2.6 फीसदी रही जबकि इस दौरान कंज्यूमर ड्यूरेबल्स उत्पादन में 9.3 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 12 फीसदी गिरावट आई।
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