बीएपीएल पर हक को लेकर बढ़ा विवाद | बीएस संवाददाता / कोलकाता September 17, 2013 | | | | |
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अंदाल में बने बीएपीएल हवाई अड्डïे जाने के कुछ दिनों पहले ही इसके संस्थापक प्रवर्तकों के बीच मालिकाना हक को लेकर चला रहा विवाद एक बार फिर से जोर पकड़ रहा है। संस्थापक प्रवर्तकों में से एक और बीएपीएल के पहले प्रबंध निदेशक आर एस अग्रवाल ने आज यह आरोप लगाया कि प्रगति सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (पीएसआईडीएल) ने बीएपीएल की शुरुआत की।
इस कंपनी को सहयोगी प्रवर्तकों पार्थ चटर्जी और उनके साथियों ने फर्जीवाड़ा कर बीएपीएल की हिस्सेदारी से बेदखल कर दिया है। अग्रवाल कहते हैं, 'हवाई अड्डा परियोजना की शुरुआत वास्तविक रूप से पीएसआईडीएल ने की थी। इसी कंपनी ने इस परियोजना को लागू किया। हमने यह सब सरकारी कंपनी हुडको की मदद से ही किया। कंपनी के पास 23.5 फीसदी हिस्सेदारी थी। लेकिन फर्जीवाड़े के कारण अब महज 1.83 फीसदी हिस्सेदारी बची है। हालांकि यह मामला न्यायालय में चल रहा है लेकिन फिर भी जनता के सामने सच पेश करना हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है।Ó पीएसआईडीएल में अपनी हिस्सेदारी के अलावा घोष और अग्रवाल प्रगति 47 में भी प्रवर्तक हिस्सेदार हैं जिसकी बीएपीएल में 9.95 फीसदी की हिस्सेदारी है।
अग्रवाल ने आरोप लगाया कि पीएसआईडीएल के शेयर 10 रुपये प्रति शेयर की दर से सितंबर, 2010 में सिटीस्टार को दे दिए गए, जबकि सिंगापुर की चांगी को वर्ष 2009 में 40.99 रुपये की दर से हिस्सेदारी बेची गई। दूसरी ओर अग्रवाल एएमआईएफ के प्रगति 47 में 47.5 फीसदी हिस्सेदारी को लेकर भी घोष के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। घोष ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।
एक बयान में घोष ने कहा, 'जब से यह मामला अलग-अलग कानूनी मंचों पर चल रहा है तब से न सिर्फ ज्यादातर मामलों में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है बल्कि कंपनी लॉ बोर्ड ने एक विशेष आदेश में कहा कि चूंकि मामला न्यायिक प्रक्रिया में है ऐसे में इसे बाहर ले जाना ठीक नहीं है। फिलहाल यह मामला अलीपुर न्यायालय, कंपनी लॉ बोर्ड और उच्च न्यायालय में हैं।Ó उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री के आने की बात सुनकर अग्रवाल अपना आखिरी दांव चल रहे हैं।Ó
|