आईटी में दुनिया की दूसरी बड़ी कंपनी टीसीएस | कृष्णकांत / मुंबई September 11, 2013 | | | | |
अपने शेयर मूल्य मेंं हाल में आई तेजी के कारण टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज (टीसीएस) अब आईबीएम के बाद विश्व की दूसरी सबसे मूल्यवान आईटी सेवा कंपनी बन गई है। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से टीसीएस ने अब एक्सेंचर और एचपी को भी पछाड़ दिया है।
टीसीएस का बाजार पूंजीकरण फिलहाल (9 सितंबर के अनुसार) करीब 60 अरब डॉलर है जबकि एक्सेंचर का बाजार पूंजीकरण 50.5 अरब डॉलर और एचपी का करीब 43 अरब डॉलर है। आईबीएम करीब 202.6 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ अब भी पहले पायदान पर काबिज है। कंपनी अपने भारतीय प्रतिस्पर्धियों की तुलना में करीब 47 फीसदी बाजार पूंजीकरण और बीएसई500 सूचकांक में शामिल सभी आईटी कंपनियों के पिछले वित्त वर्ष के शुद्ध मुनाफे के करीब 80 फीसदी के साथ आगे है।
विश्लेषकों का कहना है कि शेयर बाजार में टीसीएस का मूल्यांकन बेहतर है। प्रभुदास लीलाधर के वरिष्ठï अनुसंधान विश्लेषक (संस्थागत इक्विटी) शशि भूषण ने कहा, 'निवेशक टीसीएस को लगातार तरजीह दे रहे हैं क्योंकि यह अपने क्षेत्र में सबसे तेज विकास करने वाली कंपनियों में से एक है। इसके अलावा वृहत आर्थिक चुनौतियों के बावजूद टीसीएस अपने लाभप्रदता अनुपात को बरकरार रखने में सफल रही है।Ó
यही कारण है कि टीसीएस अपने राजस्व और लाभप्रदता के मुकाबले बेहतर बाजार मूल्यांकन के बल पर फिलहाल दुनिया की सबसे महंगी आईटी सेवा कंपनी बन गई है। टीसीएस फिलहाल पिछले 12 महीनों के शुद्ध मुनाफे के मुकाबले करीब 26 गुना अधिक मूल्य पर कारोबार कर रही है। एक्सेंचर और अपने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में टीसीएस फिलहाल करीब 16 गुना प्रति शेयर आय पर कारोबार कर रही है जबकि आईबीएम इससे कम करीब 14 गुना प्रति शेयर आय पर कारोबार कर रही है।
पिछले तीन साल में टीसीएस का राजस्व 28.4 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ बढ़ा है जबकि इस दौरान उसके मुनाफे में 26 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि एक्सेंचर के मुनाफे में सालाना 9 फीसदी और आईबीएम के मुनाफे में सालाना 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जो टीसीएस के मुकाबले काफी कम है। उच्च मूल्यांकन से कंपनी को सीधा फायदा नहीं मिलेगा, लेकिन विश्लेषकों ने कहा कि इसका अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। विश्लेषकों का कहना है कि इससे टीसीएस को बड़े वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और इस तररह से शेयर की कीमतों में उतारचढ़ाव के समय इसे स्थिरता प्रदान में मदद मिलेगी।
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