निवेश प्रस्तावों को हकीकत बनाने में बंगाल फिसड्डी | बीएस संवाददाता / चंडीगढ़ September 03, 2013 | | | | |
निवेश प्रस्ताव को जमीनी हकीकत बनाने के मामले में हरियाणा पहले स्थान पर है। वहीं इस मामले में पश्चिम बंगाल, झारखंड जैसे राज्य काफी पीछे हैं। उद्योग संगठन एसोचैम के एक अध्ययन के मुताबिक हरियाणा में आए कुल निवेश प्रस्तावों में 82 प्रतिशत प्रतिशत पर काम शुरू हो गया है।
एसोचैम के एक विश्लेषण के मुताबिक, 'सार्वजनिक और निजी क्षेत्र से मार्च 2013 तर हरियाणा में कुल 4.6 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए। इनमें से 3.8 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्तावों को लागू कर दिया गया है। सिर्फ 18 प्रतिशत निवेश पर अभी काम शुरू नहीं हुआ है।Ó हरियाणा में 11 प्रतिशत निवेश परियोजनाएं अभी घोषणा के स्तर पर हैं, जबकि 4 प्रतिशत परियोजनाएं विभिन्न कारणों से रुकी हुई हैं। वहींं 2 प्रतिशत परियोजनाओं के बारे में कोई सूचना नहीं है।
इसके बाद निवेश प्रस्तावों को कार्यरूप देने वाले पांच प्रमुख राज्यों में जम्मू कश्मीर (81.4 प्रतिशत), पंजाब (79 प्रतिशत), असम (72 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ (69 प्रतिशत) शामिल हैं।
पंजाब ने मार्च 2013 तक 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है। इसमें से 1.7 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं लागू होने के स्तर पर हैं और शेष शुरू नहीं हो सकी हैं। जहां 17 प्रतिशत परियोजनाएं घोषणा के स्तर पर हैं, वहीं 1 प्रतिशत से ज्यादा परियोजनाएं विभिन्न वजहों से रुकी हैं। करीब 2 प्रतिशत निवेश परियोजनाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, 'देश के सभी राज्योंं की ओर से आकर्षित की गई 52 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं में 43 प्रतिशत निवेश की परियोजनाएं लागू होने के स्तर पर हैं। वहीं 34 प्रतिशत परियोजनाएं अभी घोषणा के स्तर पर ही हैं। करीब 6 प्रतिशत परियोजनाएं विभिन्न कारणों से रुकी हैं, जबकि 3 प्रतिशत परियोजनाओं के बारे में कोई सूचना नहीं है।Ó
निवेश प्रस्तावों को जमीनी हकीकत न बना पाने वाले राज्यों में गुजरात अव्वल है। यहां पर कुल निवेश प्रस्तावों में महज 46 प्रतिशत को ही अमली जामा पहनाया जा सका है। अन्य औद्योगिक राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और झारखंड में निवेश प्रस्तावों को कार्यरूप देने की दर कम रही है।
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