बिहार में बनेंगे औद्योगिक पार्क, मिलेंगी ढेरों रियायत | बीएस संवाददाता / पटना August 27, 2013 | | | | |
बिहार में जमीन की किल्लत से जूझ रहे निवेशकों को बड़ी राहत देने के लिए राज्य सरकार ने निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना को अपनी मंजूरी दे दी है। साथ ही राज्य सरकार ने इन प्रांगणों को औद्योगिकी नीति में रियायतें भी देने का फैसला लिया है।
राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को इस बाबत एक प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी। कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रिमंडल विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया, 'राज्य में बीते सात सालों में निवेश के काफी प्रस्ताव आए हैं। हालांकि जमीन की कमी की वजह से इनमें से ज्यादातर प्रस्ताव अधर में लटके हुए हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के वास्ते आवश्यक भूमि मुहैया कराने के लिए बिहार में निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इनका गठन स्पेशल पर्पस व्हीकिल (एसपीवी) के माध्यम से किया जाएगा। साथ ही, इनका राज्य सरकार के पास निबंधन कराना भी जरूरी होगा।Ó
राज्य सरकार से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद जमीन मालिकों को अपनी जमीन का मालिकाना हक एसपीवी के नाम करना होगा। साथ ही, इन एसपीवी के स्थापना के नियम का निर्धारण भी राज्य सरकार अलग से करेगी। मेहरोत्रा ने बताया, 'इन्हें स्टांप ड्यूटी, निबंधन शुल्क और परिवर्तन शुल्क में 100 फीसदी की छूट भी दी जाएगी। हालांकि इनके गठन के लिए कम से कम 25 एकड़ जमीन और 10 इकाइयां होना जरूरी होगा।Ó
इस नीति के तहत निजी औद्योगिक क्षेत्र 20 ईकाइयों को लंबी अवधि के लीज पर जमीन मुहैया करा सकते हैं। लीज की अवधि किसी भी भी सूरत में 30 साल से कम की नहीं होगी। अगर निवेशकों की तादाद ज्यादा है, ये क्षेत्र कई इकाइयों को एक साथ जमीन मुहैया करा सकती हैं। हालांकि, राज्य सरकार ने साफ किया है कि किसी भी परिस्थिति में इन क्षेत्रों में इकाइयों की तादाद 10 से कम नहीं होनी चाहिए।
सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार को इस बाबत मोकामा और मधेपुरा में निजी औद्योगिक पार्क के लिए दो अनौपचारिक प्रस्ताव भी मिल गए हैं। पिछले सात साल में राज्य में निवेश के 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव आए हैं, लेकिन जमीन पर जनसंख्या के अत्याधिक दबाव की वजह से उसे जमीन मुहैया कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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