इंडियाबुल्स ने 1172 करोड़ रु. में खरीदी हिस्सेदारी | बीएस संवाददाता / मुंबई August 18, 2013 | | | | |
इंडियाबुल्स समूह की रियल्टी कंपनी इंडियाबुल्स रियल एस्टेट ने एफआईएम की पूरी हिस्सेदारी 1,172 करोड़ रुपये में वापस खरीद ली है। एफआईएम अमेरिकी प्राइवेट फंड है और इंडियाबुल्स ने एफआईएम की सात प्रोजेक्ट सब्सिडियरी में हिस्सेदारी खरीदी है। कंपनी ने रविवार को यह जानकारी दी।
एफआईएम ने साल 2007 में किए गए निवेश पर 1.3 गुना प्रतिफल हासिल किया है। फारालॉन कैपिटल मैनेजमेंट एलएलसी के अंग एफआईएम के पास इन संयुक्त उद्यमों में 49 फीसदी हिस्सेदारी थी और इसने साल 2007 में 847 करोड़ रुपये निवेश किया था।
इन परियोजनाओं के तहत कंपनी गुडग़ांव में करीब 120 एकड़, एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में 160 एकड़ और चेन्नई में 15 एकड़ में आवासीय अपार्टमेंट का निर्माण कर रही है। पिछले साल इंडियाबुल्स रियल एस्टेट ने अपनी सहायक इंडियाबुल्स इन्फ्रा एस्टेट की 35 फीसदी हिस्सेदारी 1,000 करोड़ रुपये में बेच दी थी। कंपनी वर्ली (मुंबई) में परियोजना का विकास कर रही है।
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट जोन्स लॉन्ग लसॉल के मुताबिक, रियल एस्टेट क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी फंडों का बाहर निकलने का सिलसिला धीमा रहा है। भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में 2005-10 के दौरान 13.5 अरब डॉलर का निवेश हुआ, लेकिन इसमें से अब तक 3 अरब डॉलर से कुछ ज्यादा ही बाहर निकला है। कंसल्टेंट ने कहा, साल 2008-09 से प्रॉपर्टी बाजार में मंदी इसकी मुख्य वजह रही है। जेएलएल ने कहा, 3.2 अरब डॉलर की निकासी का 54 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों का बायबैक है।
पहली तिमाही में इंडियाबुल्स रियल एस्टेट का मुनाफा एक साल पहले के मुकाबले दोगुना होकर 70.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी का राजस्व भी इस दौरान दोगुना होकर 508.33 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इंडियाबुल्स रियल एस्टेट का नेटवर्थ 6,830 करोड़ रुपये है और यह मुंबई, एनसीआर व चेन्नई में 7.3 करोड़ वर्गफुट क्षेत्र विकसित कर रही है।
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