आपने भी बचपन में दूरदर्शन पर एक छोटी, पर बहुत प्यारी सी कार्टून फिल्म तो जरूर देखी होगी। वही कार्टून फिल्म, जिसमें 'एक चिड़िया, अनेक चिड़िया' वाला गाना था और अंत में संदेश आता 'हिंद देश के निवासी, सभी जन एक हैं'। या फिर 'मिल से सुर मेरा तुम्हारा'।
पता है, हमारे और आपके बचपन की इन और इन जैसी अनेक खास यादों को किस एजेंसी ने बनाया था, फिल्म्स डिविजन ने। पर आज अचानक फिल्म्स डिविजन का जिक्र क्यों किया जा रहा है? दरअसल, सूचना व प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाली यह एजेंसी अब अपने रिकॉर्ड में से 8000 डॉक्यूमेंट्रीज, फिल्मों और अहम ऑडियो ट्रैक्स का डिजीटल बना रही है। साथ ही, फिल्म्स डिवाजन आज कल 48 करोड़ रुपए की लागत से देश में फिल्मों का पहला म्यूजियम बनाया जा रहा है।
इस एजेंसी के चीफ प्रोडयूसर कुलदीप सिन्हा का कहना है कि, 'हम अब तक छह हजार को डिजीटल बना चुके हैं। उम्मीद है कि बाकी काम भी अगले एक-दो महीने में पूरा हो जाएगा। म्यूजियम के अलाना इस वक्त तो हमारे फोकस पर यही है। जहां तक बात है म्यूजियम की, तो वह भी जल्दी ही मुंबई में बनकर तैयार हो जाएगा।' इस म्यूजियम में शुरुआती दौर से लेकर अब तक फिल्म निर्माण में इस्तेमाल होने वाली हरेक चीज रखी जाएगी।
साथ ही, यहां देखरेख और प्रदर्शन से जुड़ी चीजों भी प्रदर्शित होती हैं। इस म्यूजियम के निर्माण में तो सूचना व प्रसारण मंत्रालय भी काफी रुचि ले रहा है।अब तो इस एजेंसी का बजट भी सरकार ने काफी बढ़ा दिया है। इस साल के लिए योजना आयोग ने फिल्म्स डिवीजन के बजट बढ़ाकर 16 करोड़ रुपए कर दिया है। यह पिछले साल के बजट की तुलना में तीन गुना है।
आजादी के वक्त स्थापित की गई इस एजेंसी के कंधों पर सरकारी कार्यक्रमों को प्रचारित व प्रसारित करने के लिए न्यूजरील, मैगजीन और डॉक्यूमेंट्रीज बनाने का जिम्मा है। साथ ही, इसका काम पुराने रिकॉड्र्स की देखरेख करना भी है।
यह एक एकलौती एजेंसी है, जिसका फिल्म क्रू विदेशी और अहम घरेलू दौरों के वक्त राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे बड़े नेताओं के साथ रहता है। इस एजेंसी का मुख्यालय मुंबई में है। इसके 10 सेंटरों में तकरीबन 800 कर्मचारी काम करते हैं। अपना खर्च खुद निकालने के वास्ते फिल्म्स डिवीजन दूसरे मंत्रालयों और सरकारी संस्थाओं के लिए डॉक्यूमेंट्रीज व सामाजिक सरोकारों वाले मुद्दों पर फिल्म बनाती है।
पिछले वित्त वर्ष यानी 2006-07 में डिवीजन ने इन्ही प्रोजेक्टों और अपनी फिल्मों का प्रदर्शन कर छह से आठ करोड़ रुपए जुटाए थे। फिल्म्स डिवीजन को चार हिस्सों में बांटा गया है, निर्माण, वितरण. अंतरराष्ट्रीय वृतचित्र, लघु व एनिमेशन फिल्म समारोह और प्रशासन। इस साल इस एजेंसी से जम्मू कश्मीर और उत्तर पूर्व के राज्यों पर खास ध्यान देने के लिए कहा गया है। इन क्षेत्रों पर खास डॉक्यूमेंट्रीज बनाने के लिए तो एजेंसी को सरकार ने पांच करोड़ रुपए की मोटी रकम भी आवटिंत कर दी है।