कर जमा करने का समय निकट, जल्द पूरी कर लें कसरत | विनीत अग्रवाल / July 28, 2013 | | | | |
आयकर रिटर्न दाखिल करने में अब तीन दिन का समय ही बचा है। 31 जुलाई तक सभी करदाताओं को वित्त वर्ष 2012-13 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना है। हालांकि इस बार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर की सीमा में कुछ बदलाव किए हैं। वित्त वर्ष 2012-11 और 2011-12 में सीडीबीटी ने एक अधिसूचना जारी की थी जिसके तहत इसने कुछ शर्तों के साथ कहा था कि ऐसे लोग जिनकी आय 5 लाख रुपये तक है, उन्हें टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी।
बीडीटी ने वित्त वर्ष 2012-13 के लिए ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की है और स्पष्टï कहा है कि रिटर्न दाखिल करना पड़ेगा। लिहाजा 2012-13 के लिए बुनियादी छूट की सीमा (2.5 लाख वरिष्ठï नागरिकों और 2 लाख रुपये अन्य करदाताओं के लिए) से अधिक 5 लाख रुपये तक अर्जन करने वाले लोगों को आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा। करदाता हार्ड कॉपी या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ऐसा कर सकते हैं। अब 5 लाख रुपये से अधिक आय कर वाले वाले करदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिटर्न दाखिल करना होगा। पिछले साल यह सीमा 5 लाख रुपये थी।
अन्य शुल्क और परिणाम
वित्त वर्ष 2012-13 से सभी कर भुगतान के समय बैंक का आईएफएसी कोर्ड और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी। इससे कर वापसी की प्रक्रिया में तेजी आएगी। अगर आपको कर छूट के तहत आने वाली आय जैसे लाभांश, कृषि आय आदि के मद में 5,000 रुपये से अधिक की प्राप्ति हो रही है तो आपको आईटीआर 2 फाइल करना होगा। इससे कर कार्यालयों की बेहतर निगरानी और 5,000 रुपये की कर छूट वाले व्यक्तियों के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी।
तथ्यों की जानकारी
वित्त वर्ष 2012-13 से साझेदारों और कारोबारियों के लिए अनुसूची 'एलÓ (जहां आय 25 लाख रुपये से अधिक है) के तहत व्यक्तिगत परिसंपत्तियों और देनदारियों की जानकारी देना अनिवार्य हो गया है। इसके लिए व्यक्तिग परिसंपत्तियों जैसे जमा रकम, आभूषण, मोटर वाहन आदि की जानकारी देनी आवश्यक होगी। कर प्राप्ति के प्रकार के आधार पर आपको उचित फॉर्म का चयन कर आय कर भुगतान करना होगा।
निर्धारित तिथि के भीतर आय कर जमा नहीं करने के परिणाम
अगर आप समय पर रिटर्न जमा करने में अक्षम हैं तो आप एक साल के भीतर विलंब से कर जमा कर सकते हैं, लेकिन यह नए समीक्षा वर्ष से पहले करना होगा। यह याद रखना जरूरी है कि अगर निर्धारित तिथि के भीतर रिटर्न जमा नहीं होता है तो इसमें संशोधन नहीं हो सकता। इतना ही नहीं, धारा 234ए के तहत बकाया कर पर 1 प्रतिशत ब्याज भी लगेगा और आप कारोबार, पेशे या पूंजीगत लाभ से इस नुकसान को टालने की स्थिति में भी नहीं होंगे। 5 लाख रुपये तक की आय वालों को कर जमा करना होगा और जिनकी आय इससे अधिक है, उन्हें इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कर जमा करना होगा। तकनीक की ओर सरकार के झुकाव को देखते हुए कर जमा करने की प्रक्रिया में तेजी आई है।
ई-फाइलिंग की प्रक्रिया
ठ्ठ इनकम टैक्स वेबसाइट पर अपना अकाउंट तैयार कर स्वयं को पंजीकृत करें। ठ्ठ फॉर्म 26एएस डाउनलोड करें। फॉर्म 26एएस में प्रत्येक स्थायी खाता संख्या (पैन) के लिए भुगतान की गई रकम की जानकारी होती है। ठ्ठ वेबसाइट से इनकम टैक्स फॉर्म डाउनलोड करें ठ्ठ टैक्स फॉर्म में अपना नाम, पैन संख्या, पूरा पता, जन्म तिथि, ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर आदि का उल्लेख करें। साथ ही आय की प्राप्ति और कर कटौती/भुगतान आदि की जानकारी दें।
- जानकारियां देने के बाद 'वैलिडेटÓ बटन पर क्लिक करें
- कर देनदारी कर गणना करें और अगर किसी कर का भुगतान होना है तो कर जमा करें और फॉर्म अपडेट कर लें
- 'जेनरेट एक्सएमएलÓ पर क्लिक कर एक्सएमएल फाइल बनाएं।
- रिटर्न अपलोड कर इनकम टैक्स रिटर्न जमा करें। आईटीआर वी होगा जेनरेट
- आईटीआर वी पर नीली स्याही में हस्ताक्षर कर इसे आय कर विभाग-सीपीसी, पोस्ट बैग संख्या 1, इलेक्ट्रॉनिक सिटी पोस्ट ऑफिस, बेंगलुरु साधारण डाक या स्पीड पोस्ट से 120 दिनों के भीतर भेज दें
- रिसीट की प्राप्ति के बाद ई-मेल पर एक्रॉलेजमेंट भेजा जाता है जिसकी करें जांच। आपके मोबाइल नंबर पर प्राप्ति के संबंध में एक मेसेज भी आएगा।
- लेखक केपीएमजी में निदेशक हैं। ये उनके निजी विचार हैं।
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