वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में देश के पहले करेंसी फ्यूचर्स ट्रेडिंग का उद्धाटन किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि ट्रेडिंग के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों और अप्रवासी भारतीयों को भी अनुमति दी जा सकती है।
चिदंबरम ने कहा कि विदेशी फंडों के प्रवेश पर लगी रोक को भी हटाया जा सकता है। हमारी रणनीति प्रतिबंध हटाने की होगी। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के अलावा हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। वैश्विक बाजार तेजी से एक हो रहे हैं। हमारे पास मुंबई को इंटरनेशनल फाइनेंशियल हब बनाने की क्षमता है।
विनियामकों को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। कुछ डेरिवेटिव्स उत्पादों की धीमी शुरुआत पर उन्होंने कहा कि देश की प्रगति तेज रहनी चाहिए। स्टॉक इंडेक्स फ्यूचर को भी कारोबार शुरु करनें में पांच साल लगे। उन्होंने कहा कि एक्सचेंज ट्रेडेड गोल्ड फंड चार साल लगे।
उन्होंने कहा कि देश को एक्सचेंज ट्रेडेड इंट्रेस्ट रेट डेरिवेटिव्स, क्रेडिट डेरिवेटिव्स ऑफर करना चाहिए जिससे कारपोरेट बांड मार्केट को मजबूती मिलेगी। ये तीन उत्पाद प्राथमिकता में है और विनियामकों से इनमें सुधार के बारे में कहा। महंगाई के कम होने और ब्याज दरों में छूट के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के आंकडों से कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है।
निए गर्वनर के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह सवाल तब आना चाहिए जब वेकेंसी हो। एनएसई के एक स्त्रोत का कहना है कि 300 से अधिक सदस्यों और 11 बैंकों ने अब तक करेंसी फ्यूचर्स में भाग लेने के लिए खुद को पंजीकृत किया है और इस आंकड़े के बढ़ने की संभावना है।
हालांकि जिन्होंने अपना पंजीकरण कराया उनमें से सभी ने पहले दिन के कारोबार में भाग नहीं लिया। उसके मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है जब बैंकों ने एक्सचेंज की ट्रेडिंग में हिस्सेदारी की और वे उनके साथ साझेदारी करने के लिए आगे देख रहे हैं।