क्रॉस होल्डिंग छूट समाप्त करने के प्रस्ताव का विरोध | |
भाषा / नई दिल्ली 06 05, 2013 | | | | |
रिलायंस कम्युनिकेशंस ने दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को लिखे पत्र में कहा है कि क्रॉस होल्डिंग नियमों में छूट को हटाने के दूरसंचार विभाग (डॉट) का प्रस्ताव अगर लागू होता है तो यह रिलायंस टेलीकॉम के परिचालन को बंद करने के समान होगा। रिलायंस टेलीकाम कंपनी की जीएसएम इकाई है।
आरकॉम ने 29 मई को लिखे पत्र में डॉट की समिति की सिफारिश का विरोध किया है। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता का कोई भी प्रवर्तक या उससे लाभ कमाने वाले को एक ही सेवा क्षेत्र में वैसी किसी दूसरी कंपनी में हिस्सेदारी या वोटिंग अधिकार की अनुमति नहीं होनी चाहिए जिसके पास स्पेक्ट्रम है।
आरकॉम ने पत्र में कहा है कि इस समय 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने के मामले में दूरसंचार विभाग के मौजूदा प्रस्ताव को अमल में लाया जाता है तो यह आरटीएल का परिचालन लाइसेंस नवीकरण के समय बंद करने के सामान होगा। कंपनी के लाइसेंस का नवीकरण दिसंबर, 2015 में होना है। मौजूदा लाइसेंस शर्तों के तहत दूरसंचार कंपनियों को अन्य दूरसंचार कंपनियों में 10 फीसदी तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति है।
रिलायंस टेलीकाम (आरटीएल) को आठ दूरसंचार सर्किलों में जीएसएम सेवा उपलब्ध कराने की अनुमति है। इनमें से छह सेवा क्षेत्र-बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और कोलकाता आरकॉम के साथ साझा है। आरकाम ने कहा, 'आरकॉम सीडीएमए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सेल्युलर मोबाइल सेवा उपलब्ध कराती है जबकि आरटीएल जीएसएम स्पेक्ट्रम का उपयोग कर इन छह सर्किलों में सेवा उपलब्ध कराती है।
आरकॉम ने कहा है कि कंपनी को दूरसंचार विभाग से दोहरी प्रौद्योगिकी सेवाएं, सीडीएमए तथा जीएसएम, 20 सेवा क्षेत्र में देने की मंजूरी मिली है लेकिन आरटीएल के साथ साझा सेवा क्षेत्र में जीएसएम स्पेक्ट्रम आवंटित नहीं किया गया।
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