अन्नपूर्णा योजना: दूसरा चरण शुरू | शशिकांत त्रिवेदी / भोपाल June 03, 2013 | | | | |
गरीब लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार 1,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस रकम का इस्तेमाल अल्प कीमतों पर गेहूं और धान मुहैया कराने में होगा। इसके अलावा, इनके लिए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए भी सरकार जल्द ही एक योजना तैयार करेगी।
अन्नपूर्णा योजना के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनकी सरकार ने दूसरे चरण की घोषणा सरल रूप में की है, ताकि गरीब व्यक्ति महीने भर का राशन अपने एक दिन की मजदूरी के एवज में खरीद पाए।
चौहान ने यह भी कहा कि उनकी सरकार हरेक महीने की 7 तारीख अनाज दिवस के तौर पर मानएगी। दूसरे चरण की शुरुआत यहां स्थानीय लाल पैरेड ग्राउंड में हुई। इस योजना की शुरुआत इसी जगह वर्ष 2008 में हुई थी।
पिछले सप्ताह पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने औपचारिक तौर पर ग्वालियर में इस योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की। योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर-बसर करने वाले लोगों को 2 रुपये प्रति किलो चावल और 1 रुपये प्रति किलो गेहूं उपलब्ध कराए जाएंगे। चौहान ने कहा, 'गरीब लोगों को सेवाएं देने के मामले में मध्य प्रदेश हमेशा अव्वल रहा है। केंद्र सरकार अब तक खाद्य सुरक्षा विधेयक पर फैसला नहीं कर पाई है जबकि हमने पूरे राज्य में योजना लागू कर दी है।Ó
इस मौके पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पारस जैन ने कहा कि योजना की जद में करीब 75 लाख परिवार या 3.5 करोड़ लोग आएंगे। योजना के पहले चरण के तहत राज्य ने गरीबों को 3 रुपये प्रति किलो चावल और 2 रुपये प्रति किलो गेहूं मुहैया कराया गए थे।
अन्नपूर्णा योजना केंद्र प्रायोजित है, जिसके तहत मध्य प्रदेशक को केंद्रीय कोटा से गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत करने वाले लोगों के लिए 5 रुपये प्रति किलो गेहूं और 6.50 रुपये प्रति किलो चावल मुहैया कराए जाते हैं।
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