कैडबरी हाउस खरीदने में जुटे दिग्गज | राघवेंद्र कामत और विवेट सुजन पिंटो / मुंबई May 24, 2013 | | | | |
अजय पीरामल ग्रुप, अनिल अंबानी प्रवर्तित एडीएजी ग्रुप और लोढ़ा डेवलपर्स जैसी दिग्गज कंपनियां दक्षिण मुंबई स्थित 58 साल पुराने कैडबरी हाउस खरीदने की दौड़ में शामिल हो गई हैं। प्रॉपर्टी कंसल्टैंट्स ने 36,000 वर्गफुट में बनी इस जायदाद का मूल्यांकन 450 करोड़ रुपये किया है। इस का मालिकाना हक मोंडलेज इंटरनैशनल के पास है, जो पिछले साल क्राफ्ट फूड से अलग हुई थी।
इस जायदाद की दौड़ में शामिल कंपनियों को भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया। मोंडलेज इंटरनैशनल के एक प्रवक्ता ने कहा कि जायदाद बेचने की वजह कंपनी की एक बड़े कार्यालय की आवश्यकता है। प्रवक्ता ने कहा, 'संगठन के तेजी से विस्तार के बाद हम एक एकीकृत कार्यालय की जरूरत है, जो सुगम हो और जहां कर्मचारियों को काम करने का विश्व स्तरीय माहौल मिले सके।'
इस समय मोंडलेज के तीन कार्यालय हैं, एक महालक्ष्मी में है, जहां कैडबरी हाउस भी है, जबकि दूसरा लोअर परेल में एम्पायर मिल्स के पास है। इसके अलावा पवई में एक बिक्री कार्यालय है। कंपनी की ठाणे में भी एक फैक्टरी है, जहां यह शोध एवं विकास केंद्र स्थापित कर रही है।
रियल एस्टेट सलाहकारों का कहना है कि यह जायदाद प्रमुख इलाके में हैं, जिस वजह से इसे कई खरीदार मिल सकते हैं। इस बारे में मुंबई में एक कंसल्टैंसी कंपनी के प्रमुख ने कहा,'आप इस सौदे की तुलना पिछले साल अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के सौदे से कर सकते हैं। इस जायदाद का मूल्य कहीं अधिक हो सकता है।' हालांकि उन्होंने कहा कि काफी कुछ अनुमति और डेवलपमेंट राइट पर निर्भर करता है। पिछले साल अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने दक्षिण मुंबई के अल्टामाउंट रोड स्थित ती न मंजिला भवन वाशिंगटन हाउस लोढ़ा समूह को 375 करोड़ रुपये से अधिक में बेचा था।
जिन रियल्टी कंसल्टैंट्स से बिजनेस स्टैंडर्ड ने बात की उन्होंने कहा कि कैडबरी हाउस अधिक महंगे इलाके में हैं, इसलिए इसकी बड़ी कीमत मिल सकती है। कंसल्टैंट्स ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में मंदी के बावजूद दक्षिण मुंबई में प्रमुख जायदादों की कीमतों में कोई कमी नहीं आई है।
मुंबई की रियल्टी कंपनी एपरॉन रियल्टी के प्रबंध निदेशक राजा सीतारमन ने कहा कि कैडबरी हाउस जहां स्थित है, उस लिहाज से संभावित खरीदार इसे आवासीय उद्दश्यों के लिए विकसित करेगा।
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