'अंतरिम आदेश का खास असर नहीं' | पुनीत वाधवा / May 17, 2013 | | | | |
प्रतिस्पर्धा अपीलेट पंचाट (कॉम्पैट) ने सीमेंट कंपनियों को निर्देश दिया है कि कार्टल बनाने के आरोप के बाद भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की तरफ से लगाए गए 6307 करोड़ रुपये के जुर्माने की 10 फीसदी रकम का भुगतान करे। इस बाबत हालांकि अंतिम सुनवाई अगस्त 2013 में होनी है, पंचाट ने अंतरिम आदेश में स्पष्ट किया है कि अगर वे 30 दिन के भीतर जुर्माने की रकम जमा करने में नाकाम रहते हैं तो जुर्माना और सीमेंट विनिर्माता संघ (सीएमए) पर लगाए गए 73 लाख रुपये जुर्माने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी जाएगी।
जिन कंपनियों पर कार्टल बनाने का आरोप है उनमें लाफार्ज इंडिया, इंडिया सीमेंट, जेपी एसोसिएट्स, बिनानी सीमेंट, अंबुजा सीमेंट, मद्रास सीमेंट और जेके सीमेंट शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, एक ओर जहां एसीसी, बिनानी, लाफार्ज, अंबुजा और जेके सीमेंट ने अपनी दलील पूरी कर ली है, वहीं छह अन्य कंपनियों की तरफ से पंचाट के सामने ऐसा किया जाना बाकी है। जयप्रकाश एसोसिएट्स, प्रिज्म सीमेंट, श्री सीमेंट और डालमिया सीमेंट ने कारोबार के दौरान करीब 3 फीसदी की बढ़त हासिल की, वहीं अंबुजा सीमेंट, बिड़ला कॉरपोरेशन, सेंचुरी टेक्सटाइल्स और एसीसी में बीएसई पर 1-2 फीसदी की उछाल दर्ज की गई।
प्रभाव
ब्रोकिंग फर्म के एक विश्लेषक ने कहा, सीमेंट कंपनियों की उम्मीद थी कि उन्हें वापस सीसीआई भेज दिया जाएगा और वहां किसी तरह का जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। ऐसे में अब उन्हें जुर्माने की 10 फीसदी रकम चुकानी होगी और ये चीजें आश्चर्य के तौर पर उनके सामने आई हैं। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर मुझे नहीं लगता कि आदेश को लेकर फिलहाल कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है। मुझे लगता है कि कॉम्पैट ने संतुलन साधने की कोशिश की है। एक ओर जहां कॉम्पैट ने सीमेंट कंपनियों का समर्थन नहीं किया है, वहीं सीसीआई के आदेश का भी संज्ञान लिया गया है। यह तटस्थ आदेश है। आनंद राठी फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (इक्विटी रिसर्च) ए के प्रभाकर ने कहा, दूसरे चरण में प्रवेश से पहले यह सिर्फ सिक्योरिटी मनी है। कंपनियों को दंड नहीं दिया गया है और अगर वे आरोपमुक्त होते हैं तो यह रकम लौटा दी जाएगी। किसी कंपनी पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। हालांकि त्वरित प्रतिक्रिया के तौर पर इन कंपनियों के शेयर लुढ़क सकते हैं, लेकिन जल्द ही इसमें तेजी आने की संभावना भी है।
आउटलुक
ऐसी प्रगति और विपरीत नतीजे आने की संभावना के बावजूद विश्लेषकों ने कहा है कि इस क्षेत्र के लिए स्थितियां अभी से सुधर सकती हैं। कार्वी रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में विश्लेषक राजेश कुमार रवि ने कहा है, मई 2013 में मांग व आपूर्ति में मामूली सुधार को देखते हुए विनिर्माता माह दर माह के आधार पर उत्तरी, मध्य और पूर्वी इलाकों में कीमतें 5-10 रुपये प्रति कट्टे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, दक्षिणी व पश्चिमी हिस्से में कमजोर मांग व ज्यादा आपूर्ति के हालात बने हुए हैं।
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