केयर्न इंडिया: भंडार में सुधार आने से मिलेगी ताकत | उज्ज्वल जौहरी / May 05, 2013 | | | | |
वित्तीय परिणाम की घोषणा के बाद केयर्न इंडिया का शेयर पिछले मंगलवार को 1.5 फीसदी गिर कर 289 रुपये पर आ गया था, लेकिन बाद में यह उछल कर 306 रुपये के स्तर पर भी पहुंचा। बाजार को राजस्थान ब्लॉक से उत्पादन में तुरंत तेजी के अभाव की वजह से निराशा हाथ लगी है। हालांकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2013-14 के लिए 200,000-215,000 बैरल तेल प्रति दिन (बीओपीडी) के उत्पादन स्तर का अनुमान व्यक्त किया है जो 175,000 बीओपीडी के मौजूदा उत्पादन स्तर की तुलना में अधिक है। इससे संकेत मिलता है कि राजस्थान ब्लॉक में मंगला क्षेत्रों में उत्पादन 150,000 बीओपीडी पर बना रहेगा। भाग्यम क्षेत्र (मौजूदा 25,000 बीओपीडी) में भी उत्पादन वित्त वर्ष 2014 की दूसरी छमाही में 40,000 बीओपीडी पर पहुंचने की संभावना है जबकि ऐश्वर्या क्षेत्र में तेल उत्पादन 10,000 बीओपीडी पर पहुंचने का अनुमान है जिसने अपना उत्पादन मार्च 2013 में शुरू किया है। हालांकि इस पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है कि शानदार अन्वेषण एवं खुदाई गतिविधियों की वजह से कंपनी के तेल रिजर्व की संभावनाओं में अगली दो-तीन तिमाहियों में सुधार आएगा जिससे इस शेयर को मजबूती मिलेगी।
इस अनुमान ने मंगला तेल क्षेत्रों से उत्पादन में कमी को लेकर निवेशकों में पैदा हुए भय को कुछ हद तक दूर कर दिया है। प्रबंधन का मानना है कि वित्त वर्ष 2014 तक उत्पादन मौजूदा 150,000 बीओपीडी के स्तर पर बना रहेगा। इसे 48 कुओं की खुदाई से मदद मिलेगी जिसके लिए मंजूरी शुरुआती चरण में है। सिटी के विश्लेषकों का कहना है कि इन्हैंस्ड ऑयल रिकवरी (ईओआर) की शुरुआत से उत्पादन में मदद मिलने की संभावना है।
हालांकि अनुमानित स्तर को लेकर कंपनी की क्षमता पर विश्लेषक विभाजित हैं। एचएसबीसी के विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2014 के दौरान उत्पादन सपाट रहने का अनुमान है और विभिन्न मंजूरियों में लंबे समय की वजह से वृद्घि बेहद सीमित रहेगी। विश्लेषकों का मानना है कि कच्चे तेल में कमजोरी को देखते हुए उत्पादन में त्वरित सुधार की संभावना नहीं दिख रही है।
हालांकि मॉर्गन स्टैनले के विश्लेषकों का मानना है कि अनुमान 210,000 बीओपीडी के साथ मौजूदा स्तर के आसपास ही है।
दोनों शोध फर्मों के विश्लेषक केयर्न पर सकारात्मक बने हुए हैं और उत्पादन में सुधार के बजाय भंडार में संशोधन पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। अतिरिक्त खोज के लिए सरकारी मंजूरी के साथ कंपनी कई निर्दिष्टï पहलुओं पर ध्यान दे रही है, लेकिन उसने अभी तक इन पर अमल नहीं किया है। एचएसबीसी के विश्लेषकों का मानना है कि भंडार में बड़ी तेजी अगले एक से दो वर्षों के दौरान देखी जा सकती है। उनके विश्लेषणों से संकेत मिलता है कि संबद्घ क्षेत्र में तेल मात्रा मौजूदा सात अरब बैरल तेल के अनुमान से दोगुनी से भी अधिक है। उन्होंने कहा, 'हमें जोखिम-समायोजित भंडार में 40 फीसदी की तेजी का अनुमान है।Ó
केयर्न ने अन्वेषण गतिविधियों (प्रति वर्ष 1 अरब डॉलर) के लिए अगले तीन वर्षों के दौरान 3 अरब डॉलर का आवंटन किया है। इसमें से ज्यादातर रकम राजस्थान ब्लॉक के लिए है, क्योंकि केयर्न ने 450 कुओं की खुदाई करने की योजना बनाई है जिनमें 100 अन्वेषण कुएं भी शामिल हैं।
इलारा कैपिटल के आलोक देशपांडे का मानना है कि यह शेयर अगले 18-24 महीनों के दौरान 13-15 फीसदी का प्रतिफल देगा। हालांकि जहां देशपांडे ने इस शेयर के लिए 330 रुपये का कीमत लक्ष्य रखा है, लेकिन एचएसबीसी के विश्लेषकों ने 400 रुपये का लक्ष्य रखा है। ब्लूमबर्ग के अनुसार कीमत लक्ष्य 374 रुपये है।
कंपनी ने 2,564 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है जो सालाना आधार पर 17.3 फीसदी तक की वृद्घि है। यदि केयर्न 366 करोड़ रुपये के मूल्य के अन्वेषण खर्च को बट्टïे खाते में नहीं डालती तो यह मुनाफा अधिक हो सकता था जिसमें 260 करोड़ रुपये श्रीलंकाई ब्लॉक के लिए और 7.3 करोड़ रुपये दक्षिण अफ्रीकी ब्लॉक में 3डी सीस्मिक सर्वे के लिए थे।
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