मीरा ने चाको को दिया अभयदान | बीएस संवाददाता / May 02, 2013 | | | | |
एक ओर जहां 2जी स्पेक्ट्रम पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विपक्षी दलों के सदस्य समिति के अध्यक्ष पद से पी सी चाको की विदाई चाहते हैं। वहीं लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने विपक्ष की यह मांग नकार दी। इसके लिए कुमार ने नियमों में स्पष्टï प्रावधान न होने को वजह बताया। जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट के लीक होने को लेकर चाको विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। उन्होंने कांग्रेस सदस्यों की कुछ भाजपा नेताओं को जेपीसी से हटाने की मांग भी नामंजूर कर दी।जेपीसी के सदस्यों को लिखे पत्र में कुमार ने कहा कि किसी संसदीय समिति के अध्यक्ष को हटाने का कोई स्पष्टï प्रावधान नहीं है।
कुमार ने अपने पत्र में अध्यक्ष और सदस्यों से यह भी कहा कि वे आपसी सहमति से समाधान तलाशने की दिशा में काम करें और मौजूदा गतिरोध को समाप्त कर नियमों के मुताबिक रिपोर्ट तैयार कर उसे संसद के समक्ष पेश करें।
पत्र में उन्होंने कहा, 'एक दूसरे पर आरोप लगाकर संसद द्वारा जताए गए विश्वास का उल्लंघन किया गया है। इसलिए जरूरी है कि अध्यक्ष और सदस्य अपने मतभेद सुलझा लें और संसद द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी के मुताबिक रिपोर्ट पेश करें। स्पष्टï प्रावधान न होने की वजह से किसी संसदीय समिति के अध्यक्ष को हटाना मुश्किल होगा।Ó लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी लिखा कि अगर अध्यक्ष अपनी मर्जी से इस्तीफा देते हैं तो वह अलग मामला होगा।
30 सदस्यीय जेपीसी के 15 सदस्यों ने चाको के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें हटाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था। इन विपक्षी सदस्यों ने कहा था कि उन्हें चाको पर कोई 'भरोसाÓ नहीं रह गया। इस मामले में सरकार के सहयोगी रहे तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक भी विपक्षी खेमे के ही साथ रहे।
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