सरकार और आटा मिलों की खरीद से गेहूं मजबूत | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली April 23, 2013 | | | | |
गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने के बीच आटा मिलें भी बड़े पैमाने पर मंडियों से गेहूं खरीद रही हैं, जिससे गेहूं के भाव चढऩे लगे हैं। उत्तर प्रदेश में तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे चल रहे मिलों की गेहूं खरीद के भाव एमएसपी के करीब आ गए हैं। विपणन वर्ष 2013-14 के लिए एमएसपी 1,350 रुपये है। दरअसल पिछले साल सरकार के भरोसे आटा मिलों ने खुले बाजार से गेहूं कम खरीदा था। बाद में मिलों को यह महंगा मिला। उन्हें गेहूं समय पर और पर्याप्त मात्रा में भी नही मिला। दक्षिणी राज्यों की कुछ मिलों के यूपी से गेहूं खरीदने की खबर है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक 119.49 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि से करीब 27 फीसदी अधिक है।
यूपी की हरदोई मंडी के गेहूं कारोबारी संजीव अग्रवाल ने कहा कि सरकारी खरीद के बाद गेहूं के भाव 80 रुपये बढ़कर 1,330-1,340 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। नई आवक के समय भाव एमएसपी से नीचे थे, जो खरीद बढऩे से एमएसपी के करीब आ गए हैं। पश्चिमी यूपी में तो गेहू एमएसपी से ऊपर 1,375-1,380 रुपये बिक रहा है। उत्तर प्रदेश आटा मिल संघ के अध्यक्ष रामचंद्र सिंघल कहते हैं कि पिछले साल सरकार से गेहूं मिलने में परेशानी के साथ यह ऊंचे भाव मिला था। इस साल मिलें सरकारी भरोसे न रहकर खुद ही मंडियों से गेहूं खरीद रही हैं। भाड़ा, आढ़त और कर सहित सभी खर्चों को मिलाकर गेहूं 1500 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है, जबकि पिछले साल खुले बाजार से गेहूं के लिए 1700 रुपये क्विंटल से भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी थी।
कमोडिटी इनसाइट डॉट कॉम के वरिष्ठï जिंस विश्लेषक ने कहा कि दक्षिणी राज्यों की कुछ आटा मिलों द्वारा यूपी से गेहूं खरीदने की खबर है। खरीद बढऩे से इस माह नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव एक्सचेंज में गेहूं मई अनुबंध 1,388 रुपये से चढ़कर 1,515 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
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