'भारत, ब्राजील और अन्य दूरसंचार बाजार में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं' | भाषा / वॉशिंगटन April 04, 2013 | | | | |
अमेरिका ने कहा है कि ब्राजील, भारत और इंडोनेशिया में दूरसंचार उपकरणों के मामले स्थानीयकरण पर जोर दिया जा रहा रहा है जिससे अमेरिकी कंपनियों का कारोबार प्रभावित हो रहा है।
लेकिन उसने समुद्री केबलों के लैंडिंग स्टेशनों से जुड़े शुल्कों में कमी के लिए भारत के दूरसंचार नियामक की तारीफ की है। दूरसंचार क्षेत्र पर अपनी सालाना रिपोर्ट में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ने यह भी कहा कि चीन और भारत में सैटेलाइट सेवाओं की आपूर्ति की राह में बाधा को लेकर भी चिंता है।
हालांकि रिपोर्ट में 2012 में भारत के समुद्री दूरसंचार केबलों के लैंडिंग स्टेशनों के साथ एक्सेस और को-लोकेशन शुल्क कम करने को लेकर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सराहना की गई है।
यूएसटीआर के अनुसार इस वर्ष की रिपोर्ट में यह रेखांकित किया गया है कि ब्राजील, भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों में स्थानीय तत्वों के उपयोग में वृद्धि को देखते हुए अमेरिकी उपकरण विनिर्माताओं को नुकसान हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में किसी भी विदेशी उपग्रह परिचालक को ग्राहकों को सीधे केयू-बैंड उपलब्ध कराने की अनुमति नहीं हैं। कंपनियां भारतीय अंतरिक्ष अंनुसंधान संगठन (इसरो) की मार्केटिंग कंपनी एंट्रिक्स कॉरर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से ही ऐसा कर सकती हैं।
यूएसटीआर ने कहा कि भारत को अपने देश में ग्राहकों को उपग्रह सेवा देने वाली उन कंपनियों के साथ सीधे अनुबंध करने की अनुमति देनी चाहिए जिनके पास सेवा देने की क्षमता है। यह अनुमति इस प्रकार होनी चाहिए जिससे कंपनियों के बीच कोई भेदभाव नहीं लगे।
भारत में डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) बाजार के बारे में यूएसटीआर ने कहा कि इस मामले में भी घरेलू ग्राहकों को विदेशी उपग्रह क्षमता केवल इसरो के माध्यम से ही दी जा सकती है।
बहरहाल, यूएसटीआर ने ट्राई 2012 में भारत के सबमैरीन केबल लैंडिंग स्टेशन पर एक्सेस तथा को-लोकेशन शुल्क सह-स्थानीयकरण शुल्क कम करने को लेकर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सराहना की है।
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