विमानों में सीट खरीद-बेच की योजना की तैयारी | अनीष फडणीस और दिशा कंवर / मुंबई/नई दिल्ली March 18, 2013 | | | | |
नागरिक उड्डïयन मंत्रालय ने एक ऐसी नई प्रणाली शुरू किए जाने की योजना बनाई है जिसमें क्षेत्रीय मार्गों के लिए उड़ानों को प्रोत्साहित किए जाने के लिए एयरलाइनों को क्षमता के मुताबिक अपनी सीटों को दूसरी विमानन कंपनियों को देने की अनुमति होगी।
मंत्रालय ने क्षेत्रीय हवाई अड्डïों के लिए एयरलाइनों को उड़ानों के लिए प्रोत्साहित किए जाने के प्रयास में मौजूदा रूट ढांचे के बजाय इस नई नीति की योजना बनाई है। नई नीति में एयरलाइनों के बीच कोड शेयरिंग और सीट क्रेडिट यानी सीटों को अन्य किसी विमानन कंपनी को दिया जाना शामिल होगा। हालांकि मंत्रालय ने इस संबंध में इन योजनाओं को अभी अंतिम रूप नहीं दिया है।
नागरिक उड्डïयन मंत्री अजित सिंह ने रूट्ïस एशिया कांफ्रेंस में कहा, 'यह महज एक विचार है। हम इस संबंध में विमानन कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। यदि कोई एयरलाइन पूर्वोत्तर के लिए उड़ान भरना चाहती है, लेकिन वह इसमें विफल रहती है तो उसे नई नीति के तहत अपनी सीटों को दूसरी विमानन कंपनी को देने की अनुमति हासिल होगी।Ó यह ठीक उसी तरह का कदम होगा जैसा कि कार्बन क्रेडिट के मामले में होता है।Ó
इस प्रणाली से क्षेत्रीय ऑपरेटरों को व्यापक तौर पर वित्तीय संभावना पैदा होने का अनुमान है। वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म केपीएमजी में पार्टनर एवं प्रमुख (एविएशन) अंबर दुबे ने कहा, 'मौजूदा समय में छोटे हवाई अड्डïों के लिए ए-320 और बी-737 विमानों को आरडीजी के मानकों के तहत आधी सीट क्षमता के साथ ही उड़ान भरने को मजबूर होना पड़ता है। लेकिन यह कार्य क्षेत्रीय एयर टैक्सी ऑपरेटरों द्वारा परिचालित छोटे विमानों द्वारा किया जा सकेगा। क्षेत्रीय ऑपरेटर हाई सीट फैक्टर पर परिचालन करेंगे और छोटी जगहों के लिए सेवाओं की व्यापक फ्रिक्वेंसी पर जोर देंगे।Ó
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