मप्र, राजस्थान में गेहूं एमएसपी से नीचे | |
मध्य प्रदेश के किसान 1,350 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बेच रहे हैं, जबकि एमएसपी 1,500 रुपये है | कोमल अमित गेरा / चंडीगढ़ 03 07, 2013 | | | | |
देश के पूर्वी राज्यों की मंडियों में गेहूं की नई फसल की आवक शुरू होते ही इसकी कीमतों में गिरावट आने लगी है। मध्य प्रदेश में गेहूं की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम भाव पर हो रही है, जहां इस साल सबसे अधिक गेहूं की पैदावार होने के आसार हैं। वैसे इस साल भी गेहूं की रिकॉर्ड उपज होने की संभावना है। मध्य प्रदेश के किसान करीब 1,350 रुपये प्रति क्विंटल भाव पर गेहूं की बिक्री कर रहे हैं, जबकि वहां गेहूं का एमएसपी 1,500 रुपये प्रति क्विंटल है।
विकेंद्रीकृत खरीद राज्य होने के नाते मध्य प्रदेश की एजेंसियां सरकारी खरीद को अंजाम देती हैं। प्रदेश सरकार ने एमएसपी पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है, जबकि एमएसपी 1,350 रुपये प्रति क्विंटल है। पिछले साल गेहूं का एमएसपी 1,285 रुपये प्रति क्विंटल था। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस साल इसका एमएसपी 65 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया था।
उत्तरी क्षेत्र के रोलर फ्लोर मिलर परिसंघ के अध्यक्ष आर के गर्ग ने कहा कि फरवरी में मौसम ठंडा रहने से रबी सीजन 2012-13 के दौरान देश के सभी राज्यों में गेहूं की फसल तैयार होने में देरी हो सकती है। गर्ग ने बताया कि जल्द पकने वाले गेहूं की किस्म में नमी की मात्रा अधिक होती है इसलिए किसानों को कम भाव मिलता है। मध्य प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद 15 मार्च से शुरू होगी। निजी व्यापारी इससे पहले ही सस्ते भाव पर इस जिंस की खरीद कर लेना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि किसान अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए जल्द तैयार होने वाली फसल का सहारा लेते हैं क्योंकि निजी खरीदार तत्काल भुगतान कर देते हैं। प्रदेश के मालवा इलाके (इंदौर और आसपास) की मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो गई है। राजस्थान के अलवर में भी छोटी-छोटी खेपों में गेहूं की आवक शुरू हुई है। वहां इस जिंस का भाव 1,400-1,500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है, लेकिन नई पैदावार की आवक शुरू होने से पहले राजस्थान की मंडियों में गेहूं 1,580-1,590 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था।
राजस्थान के रोलर फ्लोर मिलर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रवि गोलियान ने कहा कि राज्य में गेहूं पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा के कारण इस जिंस की सरकारी खरीद तेज हो सकती है क्योंकि किसानों को पड़ोसी राज्यों में गेहूं बेचने से कोई फायदा नहीं होगा। लेकिन राजस्थान में गेहूं की सरकारी खरीद मुश्किल से 10 लाख टन की होगी। राजस्थान में गेहूं की सरकारी खरीद 13 अप्रैल से शुरू होगी।
गोलियान ने कहा कि राजस्थान में गेहूं का ओएमएसएस (खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत भाव) 1,552 रुपये प्रति क्विंटल है, इसलिए इस जिंस पर बोनस मिलने से निजी व्यापारियों को खुले बाजार से खरीद करने में दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि वे भी इसकी इतनी ही कीमत चुकाएंगे।
गुजरात की मंडियों में गेहूं की आवक समय से पहले शुरू हो गई है। इस वजह से भी गेहूं के मौजूदा भाव में गिरावट आएगी। गुजरात में फिलहाल 1,485 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं उपलब्ध है। गुजरात रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश सराफ ने कहा कि नई फसल आना शुरू होने के बाद गेहूं का भाव 150-200 रुपये प्रति क्विंटल तक गिरा है।
गुजरात के कुछ इलाकों में सूखे की वजह से वहां गेहूं की पैदावार घट सकती है, लिहाजा यदि राज्य सरकार बोनस की पेशकश नहीं करती है तो इसका भाव एमएसपी (1,350 रुपये प्रति क्विंटल) से ऊपर रहने की संभावना है।
वर्ष अखिल भारतीय मध्य प्रदेश
स्तर पर खरीद में खरीद
2011-12 2.83 0.45
2012-13 3.81 0.85
2013-14 4.4 1.3
स्रोत: केंद्रीय खाद्य मंत्रालय
50 लाख टन अतिरिक्त गेहूं का निर्यात
सरकारी गोदामों अटे पड़े अनाज के भंडार को हल्का करने और नई फसल के लिए जगह बनाने के उद्देश्य से सरकार ने 50 लाख टन अतिरिक्त गेहूं निर्यात करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
सरकारी निर्णय के अनुसार केवल निजी व्यापारी ही इस 50 लाख टन अतिरिक्त गेहूं का निर्यात करेंगे। वे यह निर्यात सरकार की ओर से करेंगे। इससे पहले दो बार केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को ही कुल मिलाकर 45 लाख टन गेहूं निर्यात की अनुमति दी गई थी।
अतिरिक्त गेहूं निर्यात का फैसला गुरुवार को कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में मंत्रियों के अनौपचारिक समूह ने किया। इससे पहले आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने यह मामला मंत्रियों के इस समूह को भेज दिया था।
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