क्षेत्रीय मार्गों पर विस्तार करेगी एयर इंडिया | अनीश फडणीस और दिशा कंवर / मुंबई/नई दिल्ली March 03, 2013 | | | | |
छोटे व मझोले शहरों में स्पाइसजेट की कामयाबी को देखते हुए एयर इंडिया की इच्छा क्षेत्रीय मार्गों पर अपनी मौजूदगी का विस्तार करने की है। एयर इंडिया जल्द ही 11 एटीआर-42 व बॉम्बार्डियर के बेड़े की जगह टर्बो विमान का बेड़ा तैयार करने के लिए बोली आमंत्रित करेगी ताकि इसके संचालन में सुधार हो। ये विमान अलायंस एयर संचालित करती है, जो एयर इंडिया की क्षेत्रीय सहायक कंपनी है।
एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम क्षेत्रीय बाजार में अपने पंख का विस्तार करना और आगरा व वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल से जुडऩा चाहते हैं। इन मार्गों पर 80 फीसदी लोड हासिल हो सकता है। इससे कंपनी का राजस्व सुधारने में मदद मिलेगी। विमानन कंपनियां मेट्रो शहरों के लिए ही ज्यादा क्षमता का इस्तेमाल करती है और इन मार्गों पर किराया बाजार आधारित होता है। हम क्षेत्रीय मार्गों पर ज्यादा किराया वसूलने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा, मौजूदा विमानों का पट्टा सितंबर में समाप्त हो रहा है और हम ऑपरेटिंग लीज पर विमान हासिल करेंगे। बेड़े को बदलने के लिए हम एटीआर-72, बॉम्बार्डियर क्यू-400 और सीआरजे पर विचार कर रहे हैं। अगले साल हमारी योजना क्षेत्रीय बेड़े का विस्तार 15 विमान तक करने की है।
क्षेत्रीय मार्गों पर एयर इंडिया ने दोबारा ध्यान देना तब शुरू किया है जब अलायंस एयर ने उत्तर पूर्व के सात हवाईअड्डों से विमान हटा लिए हैं और इनमें तेजपुर, लीलाबाड़ी और शिलांग शामिल है। इसकी वजह उत्तर-पूर्वी परिषद की तरफ से भुगतान नहीं किया जाना है। हालांकि अलायंस एयर अभी भी गुवाहाटी, सिलचर और इंफाल से उड़ान भर रही है। एनईसी अलायंस एयर के संचालन के लिए हर साल वाइवलिटी गैप फंडिंग के जरिए 50-60 करोड़ रुपये का योगदान करता था और यह रकम इन दोनों के बीच हुए एमओयू के जरिए तय हुई थी।
एयर इंडिया का एबिटा तीसरी तिमाही में सकारात्मक हो गया और ऑपरेटिंग राजस्व में साल 2011-12 की तीसरी तिमाही के मुकाबले 13.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एयर इंडिया के प्रदर्शन में सुधार और स्पाइसजेट की सफलता को देखते हुए ही वह इसकी राह पर आगे बढऩा चाहती है।
इसके अलावा इंडिगो भी क्षेत्रीय मार्गों पर उड़ान भरने की योजना बना रही है और इसके लिए शुरुआती बेड़े का आकार 18-20 एटीआर का होगा और यह अलग सहायक कंपनी के जरिए पेश किया जाएगा। विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह पुष्टि की है।
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