तकनीक में निवेश से देश में बढ़ेंगे रोजगार | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली February 27, 2013 | | | | |
आर्थिक समीक्षा में कृषि से बाहर उत्पादक नौकरियों से सृजन के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में और ज्यादा पूंजी व तकनीक के निवेश का आह्वान किया गया है ताकि जनसांख्यिकीय संबंधी लाभ हासिल हो सके और कृषि में जीविका में सुधार हो।
इसमें कहा गया है कि अगले 10 सालों में देश में स्कूल से शिक्षित होकर निकलने वाले छात्रों की बड़ी संख्या होगी, लिहाजा इन्हें प्रशिक्षु कार्यक्रम के जरिए दक्ष बनाने के साथ-साथ हर क्षेत्र के कामगारों पर पर्याप्त निवेश की योजना बनाई जानी चाहिए।
समीक्षा में कहा गया है कि संगठित विनिर्माण क्षेत्र को कामगारोंं पर और निवेश करना चाहिए ताकि नियोक्ता की जरूरतों और कामगारों की क्षमता के बीच की खाई को पाटा जा सके। इसमें कहा गया है कि सख्त व कारोबार के लिए प्रतिकूल नियमन ने विनिर्माण क्षेत्र के कारोबार को बढऩे से रोक दिया है। वहीं सख्त श्रम कानून के चलते ज्यादातर कामगारों को अनौपचारिक क्षेत्र में रखा गया है और वहां किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा नहीं है।
बुनियादी ढांचे, शिक्षा के साथ-साथ कारोबारी नियमों व श्रम कानून में सुधार से ही कृषि पर कामगारों की निर्भरता घटेगी। समीक्षा में यह भी कहा गया है कि पूंजी व तकनीक के निवेश से कृषि क्षेत्र और बेहतर बन सकता है और इससे जुड़े उद्यमों का विकास हो सकता है। इन्हीं तरीकों से विनिर्माण क्षेत्र कामगारों के लिए प्रशिक्षण स्थल बन सकता है, जहां उच्च विद्यालय तक के ज्यादा छात्र शामिल हो सकते हैं।
|