नई रेल चलाकर चुनावी फसल काटेगी सरकार! | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली February 26, 2013 | | | | |
राजस्थान, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार इन राज्यों पर खूब मेहरबान दिखी। इस बार के रेल बजट में कुल 67 नई एक्सप्रेस रेलगाडिय़ों में से 14 गाडिय़ां इन तीन राज्यों के लिए चलाने का प्रस्ताव किया गया है। यही कारण है कि बाकी कुछ बड़े राज्यों की उपेक्षा से नाराज समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायवती ने इस रेल बजट को पूरी तरह से जनविरोधी करार दिया है।
वहीं प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अगुआई वाले राष्टï्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने तो इस बजट को 'रायबरेली का बजटÓ की संज्ञा दे दी है। रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है। भाजपा ने कहा है कि बजट में दूरदृष्टिï का अभाव है और परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के संबंध मेंं कुछ भी नहीं कहा गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बजट को पूरी तरह निराशावादी बताया है क्योंकि बिहार जैसे पिछड़े राज्य में रेलवे के बुनियादी ढांचे के विस्तार की जरूरत है।
यादव ने रेल बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, 'अपने राजनीतिक जीवन में इतना जनविरोधी रेल बजट मैंने कभी नहींं देखा। यह कांग्रेस का बजट है। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के लिए नई ट्रेन चला सकते थे लेकिन आप बुंदेलखंड और पूर्वांचल की अनदेखी नहीं कर सकते। उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए यहां रेलवे के बुनियादी ढांचे के विस्तार की जरूरत है।Ó मायावती ने भी इस बजट को पूरी तरह से जनविरोधी करार देते हुए कहा, 'केंद्र सरकार द्वारा पिछले दरवाजे से किराया बढ़ाने से मध्यम और गरीब वर्ग पर बोझ बढ़ेगा।Ó रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने 67 नई एक्सप्रेस रेलगाडिय़ां चलाने का प्रस्ताव किया है। इनमेंं से राजस्थान के लिए 7 और कर्नाटक के लिए 4 नई एक्सप्रेस रेलगाडिय़ां चलाई जाएंगी। खास बात यह है कि रेल मंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र चंडीगढ़ पर खास ध्यान दिया है। चंडीगढ़ होकर 4 नई एक्सप्रेस गाडिय़ां गुजरेंगी।
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