बढ़ते किराये और लागत में इजाफे को देखकर रिटेल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विशाल रिटेल लिमिटेड ने विस्तार की अपनी रणनीति बदल ली है।
कंपनी अब फ्रैंचाइजी मॉडल पर जोर दे रही है। इसके तहत छोटे शहरों और गांवों में भी स्थानीय उद्यमी विशाल के रिटेल आउटलेट्स चलाएंगे। लगभग 1,000 करोड़ रुपये की कंपनी विशाल रिटेल के समूह अध्यक्ष अंबीक खेमका ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि छोटे शहरों में बाजार की संभावनाओं को भुनाने के लिए कंपनी फ्रैंचाइजी मॉडल पर काम कर रही है।
अगले दो सालों में उसके कुल रिटेल क्षेत्रफल में कम से कम 25 से 30 फीसदी हिस्सेदारी फ्रैंचाइजी की ही होगी। उन्होंने कहा, 'बाजार के खस्ताहाल और लगातार बढ़ती लागत में यह विस्तार का आसान रास्ता है। फ्रैंचाइजी मॉडल पर चलने से दक्षिण भारत में भी हमारा तेज विस्तार हो सकता है।' कंपनी ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
खेमका ने बताया कि फ्रैंचाइजी के लिए तकरीबन 200 लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है, जिनमें से करीबन 25 लोगों के साथ समझौते कर भी लिए गए हैं। इसके तहत मुंबई में कांदीवली, इलाहाबाद, इंदौर, जम्मू, लुधियाना, मिदनापुर और रोहतक में स्टोर खोले जा रहे हैं।
विशाल रिटेल के आउटलेट्स हाइपर मार्केट, मिनी हाइपर स्टोर, फैशन मार्ट और कॉर्नर मार्ट के नाम से 83 शहरों में चल रहे हैं। कंपनी के अभी 130 स्टोर हैं, जो लगभग 23.5 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल में बने हुए हैं। कंपनी गांवों के लिए खास किस्म के फ्रैंचाइजी स्टोर खोलने की योजना भी बना रही है। इसमें कंपनी गांवों के मिजाज को भांपकर ही सामान बेचेगी।
दो साल में कंपनी के आउटलेट्स में फ्रैंचाइजी की होगी 25 से 30 फीसदी हिस्सेदारी