कालीमिर्च पर तितरफा जांच लागत की मार | दिलीप कुमार झा / मुंबई January 20, 2013 | | | | |
पिछले महीने कोच्चि में सील की गई काली मिर्च को केरल सरकार, मसाला बोर्ड और नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) के बीच तितरफा जांच लागत का सामना करना पड़ रहा है। इसे खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सील कर रखा है।
बीते 18 दिसंबर को कोच्चि में एनसीडीईएक्स में पंजीकृत गोदामों में रखी करीब 8000 टन काली मिर्च सील की गई थी। इसमें मिनरल ऑयल के अंश पाए गए थे और इस जिंस में मिनरल ऑयल के इस्तेमाल पर रोक है। काली मिर्च की हलकी गुणवत्ता छिपाने के लिए कारोबारी इस पर मिनरल ऑयल से पॉलिश करते हैं।
एफएसएसएआई जांच के लिए काली मिर्च के 800 लॉट में से कम से कम 800 नमूने लेने की योजना बना रहा है। अगर अथॉरिटी को आगे जांच के लिए कोई संदेह हुआ तो नमूनों की तादाद और बढ़ सकती है। हर नमूने की जांच पर करीब 1,500 रुपये की लागत आएगी। हालांकि जटिल और बहु जांच पर हरेक नमूने पर लागत 2,400 रुपये और 3,600 रुपये तक बढ़ सकती है।
तिरुवनंतपुरम में एफएसएसएआई आयुक्त बीजू प्रभाकर के मुताबिक मसाला बोर्ड प्रत्येक नमूने की जांच 500 रुपये में करने पर सहमत हो गया है, लेकिन उसने शर्त रखी है कि नमूने उसके कार्यालय पहुंचाए जाएं। इस तरह जांच की कुल लागत करीब 12 लाख रुपये बैठेगी।
प्रभाकर ने कहा, 'हमारे पास बड़ी तादाद में नमूनों की जांच की सुïिवधा नहीं है। हमने एनसीडीईएक्स से यह लागत उठाने के लिए लिखा है। मसाला बोर्ड भी इस बात पर सहमत हो गया है कि यह लागत वहन करने के लिए एनसीडीईएक्स से आग्रह किया जाए। इसलिए एक्सचेंज को इस मुद्दे के जल्द निपटारे में मदद के लिए आगे आना चाहिए।' उन्होंने कहा कि अगर एनसीडीईएक्स इस पर राजी नहीं होता है तो हमें सरकार के पास जाना होगा, जो इसके निपटारे में लंबा समय ले सकती है।
इस बीच मसाला बोर्ड और वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने बिना किसी मिनरल ऑयल जांच के काली मिर्च की डिलिवरी के कॉन्टै्रक्ट स्पेशिफिकेशन को मंजूरी दे दी है। प्रभाकर के मुताबिक जांच लागत पर न तो मसाला बोर्ड और न ही एफएमसी के सहमत होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि आसान कारोबार की काउंटर गारंटी के लिए एक्सचेंज को इस लागत का बोझ उठाना चाहिए।
डिलिवरी लेने वाले स्टॉक को उठाने के लिए एफएसएसएआई के रुख का इंतजार कर रहे हैं। गोदाम सील करते समय एफएसएसएआई ने गोदाम मालिकों से डिलिवरी न देने को कहा था। एनसीडीईएक्स के एक अधिकारी ने कहा, 'जहां तक जांच लागत की बात है, हमें अभी तक एफएसएसएआई से इस तरह का कोई आग्रह नहीं मिला है। यह मिलने पर एक्सचेंज इस पर विचार करेगा। पहली नजर में यह मामला एफएसएसएआई और गोदामों के बीच है, इसलिए एक्सचेंज कोई लागत वहन नहीं करेगा। जांच लागत गोदाम मालिकों को चुकानी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा कोच्चि में पंजीकृत गोदामों को सील करना कानूनी कार्रवाई है, जो एक्सचेंज के नियंत्रण से बाहर है। ऐसे हालात में हमने माल धारकों को एफएसएसएआई अधिकारियों के अगले आदेश का इंतजार करने या अपना माल जारी करवाने के लिए अथॉरिटी से संपर्क करने को कहा है। एक्सचेंज हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है।' इस बीच एफएमसी ने जिंस एक्सचेंजों को उसकी पूर्व अनुमति के बिना काली मिर्च के नए अनुबंध शुरू नहीं करने का निर्देश दिया है।
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