मजबूत नीतियों से सुधरेंगे हालात | बीएस संवाददाता / January 08, 2013 | | | | |
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दो बड़े वैश्विक वित्तीय संकट से अछूती नहीं रह पाई है। उन्होंने कहा कि 2004-2010 के बीच सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8 प्रतिशत से अधिक रही लेकिन 2011-12 में यह कम होकर 6.5 प्रतिशत रह गई और मौजूदा वित्त वर्ष में यह 6 प्रतिशत से भी नीचे फिसल सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि मजबूत नीतियों के दम पर सशक्त आर्थिक तत्वों से देश उच्च विकास दर के रास्ते पर लौटने में सक्षम होगा।
सिंह ने मंगलवार को कोच्चि में प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन करने के बाद भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'अधिक प्रतिक्रियाशील, पारदर्शी, सहभागी, स्वच्छ और बेहतर प्रशासन के लिए अधिकार संपन्न तथा मुखर होती जा रही जनता की महत्वाकांक्षाएं बढ़ रही हैं।' प्रवासी भारतीय सम्मेलन में दुनिया के अलग अलग हिस्सों से
आए भारतीय मूल के लोग भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि मॉरीशस के राष्ट्रपति राजकेश्वर प्रयाग हैं। 8 प्रतिशत सालाना आर्थिक वृद्धि दर बनाए रखने के लक्ष्य के साथ हाल ही में स्वीकृत बारहवीं पंचवर्षीय योजना का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि इसके लिए व्यापक संसाधनों, नीतियों तथा संस्थानों में सुधार और सार्वजनिक निजी भागीदारी के नए मॉडलों सहित अन्य उपायों की जरूरत होगी। सिंह ने कहा कि नई पहल के लिए आधारभूत संरचना, शिक्षा, ऊर्जा, जल और कृषि जैसी चुनौतियों के समाधान की जरूरत होगी। सिंह ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दो दशक में अच्छे आर्थिक प्रदर्शन और व्यापक स्तर पर बदलाव के बावजूद देश के सामने समानता, निरंतरता बनाए रखने और अवसर मुहैया कराने के साथ गरीबी जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं।
सिंह ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में हालात सामान्य नहीं हैं और ऐसे में विदेश में बसे भारतीय समुदायों की सुरक्षा और हिफाजत का ख्याल हमारे दिमाग में सबसे पहले है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेश में बसे भारतीय मूल के लोगों की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी यूं तो उन देशों की है लेकिन जब भी जरूरत हुई हमारी सरकार तत्काल और जरूरी सहायता प्रदान करेगी जैसा कि पिछले साल लीबिया में हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी भारतीयों के भारत के साथ संबंधों को गहरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। इस मौके पर मॉरीशस के राष्ट्रपति ने भारत को अपने देश का करीबी मित्र बताते हुए आश्वासन दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के प्रयासों का उनका देश समर्थन करेगा। प्रवासी भारतीय मामलों के केंद्रीय मंत्री वयलार रवि ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के परिश्रम और ईमानदारी ने भारत को दुनियाभर में श्रम शक्ति के सर्वाधिक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के तौर पर पहचान दिलाई है।
अपेक्षाएं बढऩे की स्वीकारी बात
प्रधानमंत्री ने देश में अनेक ज्वलंत मुद्दों पर लोगों के गुस्से के माहौल के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दिनों जनता की आवाज सशक्त होती जा रही और उनकी 'बढ़ती अपेक्षाओं' को पूरा करने के लिए सरकार कानून और नियामक ढांचे में सुधार के लिए संकल्पित है।
उन्होंने कहा, 'हमारी महिलाओं सहित समाज का संवेदनशील वर्ग पूर्वग्रहों का सामना कर रहा है और तेजी से बदलते भारत में ये समस्याएं लगातार बनी हुई हैं।' प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी दिल्ली में हाल ही में हुई सामूहिक बलात्कार की वीभत्स घटना और भ्रष्टाचार सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर देश भर में हुए आंदोलनों की पृष्ठभूमि में आई है। सिंह ने कहा कि सरकार ने कानूनी और नियामक ढांचे में सुधार करने के लिए किसी भी प्रतिकूल हालात को अवसर में तब्दील करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हमारे नागरिकों, खास कर हमारे युवाओं की ऊर्जा और उनका जोश हमारे देश में सकारात्मक बदलाव का कारण बनेगा।'
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