उत्तर प्रदेश को अंतराराष्ट्रीय स्तर का एक और हवाई अड्डा मिल सकता है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने पर विचार कर रही है।
इसके साथ ही बौद्ध धर्म से जुड़े स्थानों को भी विकसित करने की योजना है। दरअसल, राज्य में स्थित सारनाथ, कुशीनगर, कौशांबी, श्रावस्ती दक्षिण एशियाई देशों समेत दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।
लेकिन सरकार की ओर से अब तक इन स्थानों के विकास पर खास ध्यान नहीं दिया गया, जिससे राज्य को पर्यटकों से होने वाले लाभ से भी वंचित रहना पड़ा। यही वजह है कि अब राज्य सरकार यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाने का विचार कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
इस मकसद से राज्य सरकार की ओर से प्रतिष्ठित कंसल्टेंसी कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, ताकि परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा सके। हवाई अड्डा और बौद्ध सर्कि ट का विकास सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत किया जाना है। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 22 अगस्त तय की गई है। उसके बाद योग्य एजेंसी को परियोजना का सलाहकार नियुक्त किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक महत्व के इन स्थलों का विकास और यहां किए जाने वाले निर्माण कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के नियमानुसार किया जाना है। इस परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया कि सलाहकार एजेंसियों को परियोजना रिपोर्ट तैयार करते समय आईएआई के मानदंडों का पूरा ध्यान रखना होगा।
प्रस्तावित हवाई अड्डे को जापान, म्यांमार, कोरिया, चीन, थाइलैंड, भूटान और श्रीलंका से सीधे तौर पर जुड़ने की योजना है, क्योंकि इन देशों से ही सर्वाधिक संख्या में पर्यटक कुशीनगर और महात्मा बुद्ध से जुड़े अन्य स्थानों की यात्रा पर आते हैं। वर्तमान में कुशीनगर में एक हवाई पट्टी है, जिसका इस्तेमाल आपात स्थिति में ही किया जाता है। इसके अलावा, पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हवाई अड्डा मौजूद है।
राज्य पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक हरबंश सिंह चुघ का कहना है कि सलाहकार एजेंसी को इस तरह से परियोजना रिपोर्ट तैयार करना है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिले। इस बीच 18 अगस्त को निविदा से पहले परियोजना पर विचार किया जाएगा और संबंधित कंपनियों को जरूरी जानकारी और स्पष्टीकरण सौंपा जाएगा। दिलचस्प यह कि केंद्र सरकार यूपी के गौतमबुद्ध नगर के जेवर में पहले ही एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की अनुमति दे चुकी है। यह मामला अभी कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए लंबित है।
बौद्ध पर्यटकों को लुभाने के लिए इलाके का किया जाएगा विकास, बनेगा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करने की होगी कोशिश
संबंधित एजेंसियों से 22 अगस्त तक आमंत्रित की गई है निविदाएं