मझोले शहरों में होटल खोलने की तैयारी में अंसल | दिलाशा सेठ / नई दिल्ली December 10, 2012 | | | | |
आवासीय क्षेत्र में मझोले शहरों में विस्तार के बाद रियल एस्टेट कंपनी अंसल एपीआई अब आतिथ्य सत्कार क्षेत्र में इन इलाकों में हाथ आजमाने की तैयारी में है। कंपनी अगले 2 साल में पानीपत, मोहाली और लखनऊ में कम से कम 3 होटल खोलने की योजना बना रही है।
कंपनी ने पिछले साल अजमेर में एक होटल खोलने के साथ आतिथ्य क्षेत्र में दोबारा वापसी की थी। इसका प्रबंधन कंट्री इन शृंखला कर कर रही है और इसी तरह का मॉडल अन्य शृंखलओं में भी शुरू किया जाएगा।
इसमें करीब 100-150 करोड़ रुपये के करीब निवेश का अनुमान है। यह होटल मझोले आकार का होगा, जो सस्ते होटल की श्रेणी में आएगा। प्रत्येक होटल में 100 कमरे होंगे।
अंसल एपीआई के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रणव अंसल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि एनसीआर क्षेत्र पहले ही संतुलित हो चुका है, इसलिए कंपनी टियर 2 शहरों पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा, 'एनसीआर एक बड़ा बाजार है, लेकिन यहां पहले ही बहुत होटल हैं और ज्यादा आपूर्ति की स्थिति है। और भी तमाम होटल खुल रहे हैं। ऐसे में हम मझोले बाजारों में संभावनाएं तलाश रहे हैं।' अंसल एपीआई ने दक्षिण दिल्ली स्थित अपना मैरियट होटल 2004 में आईटीसी वेलकम ग्रुप को बेच दिया था और कंपनी होटल कारोबार से निकल गई थी।
रिटेल क्षेत्र में भी रियल्टी कंपनी लखनऊ और गाजियाबाद में 5 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल में मॉल बना रही है। अंसल ने कहा, 'अगर प्रमुख क्षेत्र और सिनेमा का मामला बन गया तो आपको कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।' उन्होंने कहा कि हमने पहले ही प्रमुख क्षेत्र, सिनेमा और फूड के लोगों से समझौते कर लिए हैं, ऐसे में मॉल के 40 प्रतिशत हिस्से के लिए पहले ही समझौता हो चुका है। रियल्टी कारोबारी का कहना है कि इन मॉलों के लिए रिलायंस और भारती वालमार्ट जैसे कारोबारियों व अन्य के साथ पहले ही समझौता हो चुका है।
कंपनी के पास 9,000 एकड़ का भूमि बैंक है, ऐसे में वह जमीन के लिए कोई खास कवायद नहीं कर रही है। अंसल लखनऊ में 3,500 एकड़ क्षेत्रफल में टाउनशिप बना रही है, जो रकबे के हिसाब से सहारा एंबी वैली के बाद दूसरी बड़ी परियोजना है। अंसल ने कहा, 'जल्द ही हम एंबी वैली से भी बड़ी परियोजना लाने जा रहे हैं।'
कंपनी का कहना है कि वह अभी भी उत्तर भारत में कारोबार करने वाली कंपनी बनी रहेगी, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार के खिलाफ नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के बारे में उन्होंने कहा, 'हां, निश्चित रूप से। हम पहले डेवलपर हैं, जिसने 1990 के दौरान थाइलैंड और रूस में आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाएं शुरू की, लेकिन फिर हम भारत वापस लौट आए।' उन्होंने कहा कि कंपनी ने अभी इस मसले पर गंभीरता से काम नहीं किया है, जिसके चलते इस क्षेत्र में हम आगे नहीं बढ़े हैं।
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