नेयवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएलसी) अपने 500 मेगावॉट (23250 मेगावॉट) के बिजली संयंत्र के परिचालन में देरी से हुए घाटे की भरपाई के लिए बीएचईएल से अतिरिक्त मुआवजे की मांग कर सकती है। निवेली लिग्नाइट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेंद्र मोहन ने कहा, '48 महीने की देरी के लिए संविदा दायित्व के तहत हम बीएचईएल से 7.5 फीसदी क्षतिपूर्ति की मांग पहले ही कर चुके हैं, क्योंकि इससे हमें करीब 1,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है। हम अतिरिक्त मुआवजे के लिए दावा करने पर विचार कर रहे हैं और कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं कि इसके लिए कानूनी रूप से किस प्रकार आगे बढ़ा जाए।' मोहन ने इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइज (आईपीई) की ओर से आयोजित सम्मेलन 'कॉरपोरेट गवर्नेंस इन एमर्जिंग इकोनॉमिक्स : इनोवेशन, सस्टेनैबिलिटी ऐंड चैलेंजेज' के दौरान बिज़नेस स्टैंडर्ड से यह बात कही। 2,490 मेगावॉट क्षमता वाली लिग्नाइट खनन और बिजली उत्पादन कंपनी अपने 500 मेगावॉट के संयंत्र में सीबीएफसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही है, जिसका भारत में पहली बार इस्तेमाल हो रहा है। 2,500 करोड़ रु. की इस परियोजना के मार्च, 2013 तक पूरा होने का अनुमान है।
