भारती-वालमार्ट ने अधिकारियों को हटाया | भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद कैश ऐंड कैरी कंपनी में बढ़ी हलचल, जांच के नतीजे आने बाकी हैं अभी | | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली November 23, 2012 | | | | |
बेस्ट प्राइस मॉडर्न ब्रांड के तहत कैश ऐंड कैरी या होलसेल बिजनेस चलाए जाने के लिए बनी 50:50 प्रतिशत की भागीदारी वाली संयुक्त उपक्रम कंपनी भारती वालमार्ट ने कहा है कि उसने कुछ सहयोगियों को हटा दिया है और भ्रष्टïाचार के कथित मामलों में जांच का परिणाम आना बाकी है।
दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल चेन वालमार्ट ने भारत में अपने स्टोर खोलने के लिए पांच साल से भी अधिक समय तक इंतजार किया। मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई की अनुमति नहीं होने की वजह से 447 अरब डॉलर की इस चेन ने यहां कैश ऐंड कैरी आउटलेटों के परिचालन के लिए भारती समूह के साथ हाथ मिलाया। कैश ऐंड कैरी आउटलेटों में 100 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति हासिल है। एफडीआई की अनुमति मिलने के बाद दोनों समूह बहु ब्रांड श्रेणी में पैठ बनाना चाहते हैं। हालांकि सरकार द्वारा इस सेक्टर को हाल में आंशिक रूप से एफडीआई के लिए खोले जाने के बाद वालमार्ट या भारती दोनों की ओर से अपनी मल्टी-ब्रांड रिटेल योजनाओं के बारे में घोषणा नहीं की गई है।
हालांकि कंपनी ने हटाए गए किसी अधिकारी का नाम बताने से इनकार कर दिया है, लेकिन यह पता चला है कि कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीएफओ) पंकज मदन उन पांच लोगों में शामिल हैं जो इस जांच से जुड़े हुए हैं। अन्य चार अधिकारी कानूनी टीम से हैं। सूत्रों ने कहा है कि कई और अधिकारियों को हटाए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है। मदन भारती वालमार्ट से पिछले चार वर्षों से जुड़े रहे हैं।
कई अधिकारियों को बर्खास्त किए जाने के संबंध में एक सवाल के जवाब में भारती वालमार्ट के प्रवक्ता ने कहा, 'हम एक संपूर्ण जांच के लिए प्रतिबद्घ हैं।' कुछ अधिकारियों को हटाए जाने की बात स्वीकार करते हुए प्रवक्ता ने कहा, 'जब तक इस बारे में जांच पूरी नहीं हो जाती, हमारे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।'
जब भारती वालमार्ट के प्रवक्ता से यह पूछा गया कि क्या समूह भारत में मल्टी-ब्रांड रिटेल स्टोरों की योजना और कैश ऐंड कैरी आउटलेटों के विस्तार की योजना को ठंडे बस्ते में डालने की योजना बना रहा है तो उन्होंने कहा, 'हम भारतीय बाजार को लेकर प्रतिबद्घ हैं।' अधिकारी ने कहा, 'हम दुनिया के सबसे मजबूत देशों में से एक भारत में अपने व्यवसाय को बढ़ाए जाने, किसानों के लिए अवसर बढ़ाने और देश में परिवारों की रहन-सहन की लागत को कम करने से जुड़े अवसरों को लेकर उत्साहित हैं। हमारा मानना है कि मल्टी-ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी के विदेशी निवेश की अनुमति दिया जाना इस क्षेत्र को अधिक स्वतंत्र बनाए जाने और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए जाने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाया गया पहला एवं महत्त्वपूर्ण कदम है।'
वालमार्ट का कहना है कि उसने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज ऐक्ट (एफसीपीए) का बेहद गंभीरता के साथ पालन किया है और वह अपने परिचालन से जुड़े प्रत्येक देश में एक मजबूत एवं प्रभावी वैश्विक अनुपालन कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्घ रही है। वालमार्ट का दावा है कि उसने पिछले 18 महीनों के दौरान अपनी वैश्विक एफसीपीए अनुपालन समीक्षा से जुड़े प्रयासों पर 3.5 करोड़ डॉलर से अधिक की रकम खर्च की।
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