रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने संकेत दिया है कि किसी भी समय यात्री किराए में बढ़ोतरी हो सकती है। भारत में असमान टैरिफ रेशियो पर चिंता प्रकट करते हुए बंसल ने किराया ढांचे को तर्कसंगत बनाए जाने पर जोर दिया। रेलवे 'रेल टैरिफ अथॉरिटी' के निर्माण की प्रक्रिया में है, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किराया वृद्घि इस अथॉरिटी के गठन से अलग होगी। बंसल ने कहा, 'रेलवे की हालत सुधारने के दौरान इसकी वित्तीय स्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। चूंकि हम राजस्व और दक्षता में इजाफा कर रहे हैं, लेकिन वित्त को लेकर प्रमुख समस्या है।' मंत्री ने कहा कि भारत में दर अनुपात लगभग 0.32 है जबकि चीन में यह लगभग 1.32 है। इसका मतलब है कि रेलवे मालभाड़े से 1 रुपये की तुलना में यात्री से 32 पैसा कमाता है। रेल टैरिफ अथॉरिटी को लेकर रेलवे बोर्ड के अंदर चर्चा चल रही है। इसकी रूपरेखा तैयार हो जाने और मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद ही इसे अमली जामा पहनाया जा सकेगा। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनय मित्तल का कहना है कि यह टैरिफ अथॉरिटी मूल रूप से किरायों को राजनीतिक हस्तक्षेप से दूर रखे जाने के लिए होगा। मौजूदा समय में किराए और मालभाड़ा दरों में बदलाव के लिए मंत्रालय के पास एक संपूर्ण प्राधिकरण है और कानून द्वारा अधिकृत है। मंत्रिमंडल द्वारा बंदरगाह समेत कई परियोजनाओं पर विचार किए जाने की संभावना है। रेलवे को रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर में शेयरधारकों द्वारा निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 'इन्फ्रास्ट्रक्चर में शेयरधारकों के निवेश के साथ हम निजी पार्टियों के लिए मजबूत प्रतिफल पैदा किए जाने के लिए एक मॉडल पर काम करेंगे।' बंसल ने कहा कि रेलवे को सुरक्षा, आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किए जाने की जरूरत है।
