इस कारोबारी साल की पहली तिमाही में देश के दिग्गज बैंकों के लिए अच्छे नतीजे देना मुश्किल लग रहा है।
सरकारी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक का मुनाफा पिछली तिमाही में खासा नीचे आ सकता है।
इन दोनों ही बैंकों के नतीजे शनिवार को आने हैं। जानकारों का मानना है कि ब्याज दरों में इजाफे का मार्जिन पर दबाव और बैंकों के बांड पोर्टफोलियो की वैल्यू कम होने का नतीजों पर सबसे ज्यादा असर दिखेगा। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने महंगाई को काबू में करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया था।
ऐसे में विशेषज्ञ बैंकिंग क्षेत्र के बारे में कुछ भी राय देने में सतर्कता बरत रहे हैं। मैक्वारी में बैंकिंग विशेषज्ञ शेषाद्रि सेन का कहना है कि महंगाई और ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी का इस क्षेत्र की ग्रोथ पर दिखेगा और इससे उनकी परिसंपत्ति की गुणवत्ता प्रभावित होगी। बढ़ती ब्याज दर पर अधिकांश अर्थशास्त्री एकमत हैं, लेकिन यह बैंक के लिए क्या होनी चाहिए इस पर उनके अलग-अलग विचार हैं।
रॉयटर के एक सवेंक्षण के अनुसार स्टेट बैंक और उसकी सहयोगी बैंकों का देश के बैंकिंग कारोबार में एक चौथाई हिस्सा है। इनकी भारत और बाहर 10,000 शाखाएं हैं। जून की तिमाही में इनकी आय केवल 2.9 फीसदी बढ़कर 14.67 अरब रुपये होने की उम्मीद है। ऐसा हुआ तो पिछली छह तिमाहियों में यह इनकी सबसे कम वृध्दि है। हालांकि 11 जुलाई को बैंक के चेयरमैन ओपी भट्ट ने कहा था कि बैंक का लाभ जून की तिमाही में दो अंकों में रहेगा।
इससे पहले भट्ट यह भी कह चुके हैं उनकी बैंक ने बांड से होने वाली प्राप्तियों के बढ़ने के बाद अवमूल्यन से निपटने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 10 अरब रुपये अपने ट्रेजरी पोर्टफोलियो में अलग रख दिए हैं। उल्लेखनीय है कि दस साल के बांड से होने वाली प्राप्तियां इस तिमाही में 0.75 फीसदी बढ़ी है। इससे बैंक के बांड पोर्टफोलियो का वैल्यूएशन कम हुआ है। पोल के मुताबिक प्राइवेट क्षेत्र की अग्रणी बैंक आईसीआईसीआई का शुध्द लाभ 8.1 फीसदी बढ़कर 8.38 अरब रुपये होने की उम्मीद है।
हालांकि कई और ब्रोकरों का मत है कि पिछली तिमाही में बैंक के शुध्द मुनाफे में कुल 3 फीसदी की ही बढ़ोतरी देखी जा सकती है। लेकिन यह तय है कि नतीजे पिछली तिमाहियों से काफी खराब रहेंगे। शेयर बाजार और बॉन्ड बाजार में निवेश में हुए नुकसान से यह असर आएगा। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का आकलन है कि आईसीआईसीआई इस तिमाही में 7 अरब रुपये की प्रोविजनिंग कर सकता है।