उत्तर प्रदेश में चीनी मिलें गन्ने का रकबा और उत्पादन के घटने जूझ रही हैं लेकिन इसके बावजूद राज्य में पांच नई चीनी मिलें तैयार होने वाली हैं।
उम्मीद है कि ये मिलें चीनी सत्र 2008-09 से पेराई शुरू कर देंगी। अधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि नई मिलों में बिड़ला और बलरामपुर समूह सहित शीर्ष चीनी उत्पादक कंपनियों के नाम शामिल हैं। नई मिलों के चालू होने के साथ ही राज्य में चीनी मिलों की संख्या 132 से बढ़कर 137 हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश में चीनी उद्योग को तीन तरफा संकट का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में गन्ने का उत्पादन घटा है। इसके अलावा गन्ने के भुगतान को लेकर मुकदमेबाजी और मांग तथा आपूर्ति में मौसमी उतार-चढ़ाव से चीनी उत्पादकों को जूझना पड़ रहा है। राज्य में नई चीनी मिलें रामपुर जिले के करीबगंज और आमिर खान-का-माजरा में, शाहजहांपुर के निहारपुर में, हरदोई के बघौली में और कुशीनगर के हाता में बनाई जा रहीं हैं।
रामपुर में चीनी मिलों को राना समूह के द्वारा तैयार किया जा रहा है जबकि शाहजहांपुर और हरदोई की मिलें क्रमश: बलरामपुर शुगर्स और अग्रवाल समूह द्वारा स्थापित की जा रही है। कुशीनगर मिल बिड़ला समूह की है। इन नई चीनी मिलों की पेराई क्षमता 4000 टन प्रतिदिन से 8000 टन प्रतिदिन के बीच है। बिड़ला समूह ने इस बात से इनकार किया है कि नई मिल आगामी पेराई सत्र से काम शुरू कर सकेंगी।
गन्ने का कुल रकबा वित्त वर्ष 2008-09 में 22.5 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है जो बीते वर्ष के 25 लाख हेक्टेयर के मुकाबले कम है। इस कारण गन्ने के उत्पादन में कमी आई है। उत्तर प्रदेश में गन्ने का औसत उत्पादन प्रति हेक्टेयर 56 टन है और इस आधार पर चीनी वर्ष 2008-06 के दौरान कुल उत्पादन 12.6 करोड़ टन रहने का अनुमाना है।