इस साल की होली में कारोबारियों को गुझिया ज्यादा मीठी लगेगी। क्योंकि उनके कारोबार पर होली का रंग जो चढ़ता जा रहा है।
मेवे के बाजार में भाव की कमी के कारण मांग में काफी इजाफा नजर आ रहा है तो मसाले के बाजार में तेजी के बावजूद नई फसल के कारण खरीदारी जोरों पर है।
चावल व गेहूं में पहले से ही तेजी चल रही है जिससे कारोबारियों का मुनाफा भी मजबूत नजर आ रहा है। यह अलग बात है कि नकली खोये के बाजार के कारण खोये बाजार में थोड़ी नरमी है।
फिर भी अगले सप्ताह तक खोये के बाजार में भी 10 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
ग्राहकों के लिहाज से भी मेवे में मिठास है लेकिन उन्हें कचौड़ी व दही-बड़ा के मसाले से परहेज करना पड़ सकता है।
खारी बावली सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतेन्द्र सिंह चौहान कहते हैं, 'होली के मौके पर बनने वाली गुझिया में मेवे का इस्तेमाल काफी मात्रा में किया जाता है। इस बार मेवे के दाम में नरमी से मांग काफी अधिक नजर आ रही है।
मांग अधिक निकलने से कारोबार की मात्रा बढ़ गई है। इससे लगता है कि कारोबारियों की होली भी अच्छी मनेगी।'
मेवे बाजार में नरमी के लिए वह डॉलर में कमजोरी का रुख को जिम्मेदार मानते हैं। वैसे ही लाहौरी गेट स्थित चावल के थोक व्यापारी संजीव गोयल मानते हैं, 'चावल की कीमत में गत साल के मुकाबले 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी है।
ग्राहकी जरूर कमी है लेकिन इससे व्यापारियों के मुनाफे में कमी नहीं आई है।'
होली के मौके पर सबसे खास असर खाद्य तेलों के कारोबारियों पर नजर आ रहा है। तेल की कीमत में गत दो-तीन महीने के दौरान 30 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
तेल की कीमत तीन महीने पहले थोक बाजार में 50 रुपये प्रति किलो थी जो फिलहाल 80 रुपये प्रति किलो के आसपास है। तेल के कारोबारी धुनीचंद कहते हैं, 'होली के दौरान जो बढ़ोतरी देखी जाती थी वह इस साल नजर नहीं आ रही है।